नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज मणिपुर के कुकी आदिवासी समुदाय की दो महिलाओं की याचिका पर मणिपुर सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को मणिपुर हिंसा से संबंधित दूसरी याचिकाओं के साथ टैग करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता महिलाओं ने कहा है कि वे मणिपुर हिंसा से बचकर किसी तरह दिल्ली पहुंचीं हैं। कोर्ट को बताया गया कि पहली याचिकाकर्ता की मां और उसके भाई की भीड़ के हमले में जान चली गई। दूसरी याचिकाकर्ता के एक साल के बच्चे पर हमला किया और उसके कपड़े फाड़ दिए। हिंसा के दौरान पुलिस ने कोई सहायता नहीं की।
याचिका में मणिपुर से पलायन कर रहे लोगों को मुफ्त चिकित्सा सहायता देने के लिए सरकारी अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। यह भी मांग की गई है कि महिलाओं की शिकायतों पर जीरो एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए, क्योंकि स्थानीय पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज करने में उदासीनता दिखाई है।
याचिका में हिंसा के दौरान निशाना बनाए जाने पर अपने ठिकाने से विस्थापित होने वालों की दुर्दशा के बारे में बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं समेत कई लोगों के पास खुद को बचाये रखने के लिए कोई साधन नहीं बचा है। याचिका में मांग की गई है कि बढ़ती हिंसा को देखते हुए एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जाए, जो दस्तावेज का भौतिक सत्यापन किए बिना हिंसा पीड़ितों को केंद्र या राज्य से स्वीकृत फैमिली पेंशन जारी करने की अनुमति दे।