नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) की स्थापना की मंजूरी दी। साथ ही पांच साल की अवधि के लिए 150 करोड़ रुपये के एकमुश्त बजटीय समर्थन को भी मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री ने बाघों, बिग कैट परिवार की अन्य प्रजातियों और इसकी अनेक लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भारत की लीडिंग भूमिका को महत्व देते हुए विश्व बाघ दिवस 2019 के अवसर पर अपने भाषण में एशिया में अवैध शिकार को रोकने के लिए ग्लोबल लीडर्स के अलायंस का आह्वान किया था।
प्रधानमंत्री ने 9 अप्रैल 2023 को भारत के प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इसे दोहराया था और औपचारिक रूप से एक इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस प्रारंभ करने का ऐलान किया था। इसका उद्देश्य बिग कैट्स और उनके द्वारा फूलने-फलने वाले परिदृश्यों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है।
भारत में विकसित अग्रणी और दीर्घकालिक बाघ और अन्य बाघ संरक्षण की श्रेष्ठ प्रथाओं को कई अन्य रेंज देशों में दोहराया जा सकता है। सात बिग कैट में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता आते हैं।
कैबिनेट के एक बयान के अनुसार, आईबीसीए ने पांच वर्षों (2023-24 से 2027-28) के लिए भारत से 150 करोड़ रुपये की शुरुआती सहायता हासिल की है। इस कोष और बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों, अन्य उपयुक्त संस्थानों से योगदान और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और दाता एजेंसियों से वित्तीय सहायता जुटाने के अवसरों की तलाश की जाएगी।
अलायंस, प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करता है और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को कम करता है। आईबीसीए, बिग कैट्स और उनके आवासों की सुरक्षा करके प्राकृतिक जलवायु अनुकूलन, जल और खाद्य सुरक्षा और इन पारिस्थितिक तंत्रों पर निर्भर हजारों समुदायों की भलाई में योगदान देता है। आईबीसीए आपसी लाभ के लिए देशों के बीच सहयोग स्थापित करेगा और दीर्घकालिक संरक्षण एजेंडे को आगे बढ़ाने में काफी योगदान देगा।
इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस की परिकल्पना 96 बिग कैट रेंज देशों, बिग कैट संरक्षण में रुचि रखने वाले गैर-रेंज देशों, संरक्षण भागीदारों तथा बिग कैट संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक संगठनों के बहु-देशीय, बहु-एजेंसी अलायंस के रूप में की गई है। इनके अलावा बिग कैट्स के हित में योगदान के इच्छुक व्यावसायिक समूहों और कॉर्पोरेट्स भी शामिल होंगे। बड़े देशों और अन्य देशों को एक साझा मंच पर लाने के लिए बड़े एजेंडे पर नेतृत्व की स्थिति में यह एक प्रदर्शनकारी कदम होगा।