इंफाल/त्रिशूर (केरल)। केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने इंफाल स्थित उनके घर में 16 जून को हुई तोड़फोड़ और आगजनी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि मणिपुर में शुरुआत से लेकर 2017 तक कांग्रेस का शासन था और उन्होंने जो भी गलतियां कीं, उनका नतीजा राज्य में जातीय हिंसा के रूप में सामने आया।
केंद्रीय मंत्री ने त्रिशूर में मीडिया से कहा कि भ्रष्टाचार, कुशासन, विकासात्मक पहल की कमी अनुचित शिक्षा प्रणाली ने मणिपुर को पिछड़े स्थान पर धकेल दिया है।
शिक्षाविद् से राजनेता बने सिंह ने कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने सभी क्षेत्रों में मणिपुर को विकसित करने के लिए सभी कदम उठाए हैं।
नई शिक्षा नीति लागू कर युवाओं को गतिशील शिक्षा प्रदान की जा रही है। सिंह ने कहा, भाजपा सरकार राज्य के पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों को विकसित करने की कोशिश कर रही है।
16 जून की रात को कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए लगभग 500 पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने इंफाल में केंद्रीय मंत्री के आवास पर हमला किया और उनके घर का अधिकांश हिस्सा जला दिया, जबकि सुरक्षा गार्ड और अग्निशामक आग पर काबू पाने में कामयाब रहे। घटना के दौरान सिंह और उनके परिवार के सदस्य घर में मौजूद नहीं थे।
सिंह के घर को इससे पहले भी 25 मई को निशाना बनाया गया था, जब हजारों लोगों ने उनके आवास के सामने इकट्ठा होने का प्रयास किया था, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। हिंसा के दौरान भीड़ ने मणिपुर में कई मंत्री विधायकों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के आवासों को जला दिया। इनमें मणिपुर की एकमात्र महिला मंत्री नेमचा किपगेन और पीडब्ल्यूडी मंत्री कोंथौजम गोविंदास, उरीपोक विधायक रघुमणि सिंह, सुगनू विधायक के. रणजीत सिंह और नौरिया पाखांगलकपा विधायक एस. केबी देवी शामिल हैं।
23 जून को एक भीड़ ने इम्फाल पूर्वी जिले के चिंगारेल में मणिपुर के मंत्री एल. सुसींद्रो मैतेई के एक निजी गोदाम को जला दिया। पुलिस ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के शीघ्र समाधान की मांग की और सभी मंत्रियों और विधायकों पर मणिपुर संकट को समाप्त करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।