कोलकाता। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से धमकी भरा पत्र मिला है।
यहां मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ठाकुर ने दावा किया कि कथित तौर पर लश्कर द्वारा भेजा गया धमकी भरा पत्र बांग्ला में लिखा हुआ था।
भाजपा ने शांतनु ठाकुर को उत्तर 24 परगना जिले की बनगांव लोकसभा सीट से फिर उम्मीदवार बनाया है।
ठाकुर ने दावा किया कि पत्र में कहा गया है कि अगर एनआरसी लागू होने से पश्चिम बंगाल में मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशानी होगी तो पूरा देश जल उठेगा।
पत्र में केंद्रीय मंत्री के बनगांव स्थित पैतृक निवास ठाकुरबाड़ी को उड़ाने की भी धमकी दी गई है, जो मतुआ समुदाय का धार्मिक केंद्र भी है।
मतुआ पिछड़े वर्ग के शरणार्थी समुदाय के लोग हैं जो बांग्लादेश से भारत आए थे।
मंत्री ने दावा किया कि पत्र पर नजरुल इस्लाम साहेब अली और फजर अली नामक दो व्यक्तियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लिफाफे पर डाकघर की मुहर के अनुसार इसे उत्तर 24 परगना जिले के डेंगांगा से पोस्ट किया गया था।
ठाकुर ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछना चाहता हूं कि एक आतंकवादी संगठन एक मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री को ऐसा धमकी भरा पत्र कैसे भेज सकता है। यह शर्मनाक है कि ऐसे संगठन पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत दिखा रहे हैं। मैं इस मामले की रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दूंगा।”
ठाकुर के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने इसे लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में विवाद पैदा करने के लिए बनाई गई मनगढ़ंत कहानी बताया।
सेन ने कहा, “यह कौन बता सकता है कि पत्र भेजने वाला स्वयं प्राप्तकर्ता का करीबी सहयोगी नहीं है।”