Saturday, May 18, 2024

UP RERA ने फ्लैट बायर्स के हक में सुनाया बड़ा फैसला, अब सिर्फ घर के देने होंगे पैसे, इस फैसले से खरीदारों को कैसे होगा फायदा

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

नोएडा। यूपी रेरा ने फ्लैट बायर्स को बड़ी राहत दी है। यूपी रेरा ने कहा है कि बिल्डर को पैसे लेने से पहले बायर्स के साथ एग्रीमेंट करना होगा। अब खरीदारों को सिर्फ घर के पैसे देने होंगे। अब बिल्डरों को घर खरीदारों को घर का असल एरिया साफ-साफ बताना होगा। अब तक कई बिल्डर कॉमन एरिया को भी शामिल करके पूरे हिस्से का पैसा घर खरीदारों से मांगते रहे हैं। खरीदार को घर के साथ ही कॉमन एरिया की कीमत भी देनी पड़ती है। कई बार तो घर बहुत छोटा मिलता है। कई बिल्डर यह बताते ही नहीं हैं कि कारपेट एरिया कितना होगा।

वही यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि प्रोमोटर्स और बायर्स के बीच लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के मकसद से यह फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रोमोटर्स द्वारा इकाई मूल्य के 10 प्रतिशत से अधिक की मांग करने या आवंटी द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक धनराशि देने से पहले दोनों के बीच यानि प्रोमोटर और आवंटियों के मध्य एग्रीमेन्ट फॉर सेल करना अनिवार्य किया गया है। बताया कि एग्रीमेंट फॉर सेल का उद्देश्य प्रोमोटर की जिम्मेदारी और प्रोमोटर्स तथा आवंटियों के बीच लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यह एडवाईजरी रेरा अधिनियम की धारा-13 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जारी की गई है। उन्होंने प्रोमोटर्स तथा आवंटियों का ध्यान रेरा की धारा-13 के इन महत्वपूर्ण प्रावधानों की ओर आकर्षित किया है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

  • ऐसा एग्रीमेंट फॉर सेल राज्य सरकार द्वारा साल-2018 के नियमों में निर्धारित मॉडल एग्रीमेन्ट के आधार पर होना अनिवार्य है।

 

  • प्रोमोटर द्वारा पंजीकृत विक्रय अनुबन्ध में परियोजना के विकास कार्यों, जिसमें भवन या अपार्टमेन्ट की विशिष्टताओं सहित निर्माण, आंतरिक एवं वाहय विकास कार्यों का विवरण सम्मिलित हो, अंकित करना अनिवार्य है।

 

  • विक्रय के लिए अनुबन्ध में इकाई के मूल्य के भुगतान की तिथियां एवं भुगतान का माध्यम लिखना अनिवार्य है।

 

  • एग्रीमेंट फॉर सेल में कब्जा की तिथि, जिस दिन आवंटी को इकाई का कब्जा हस्तांतरित होगा, अंकित करना अनिवार्य है।

 

  • विक्रय के लिए अनुबन्ध में प्रोमोटर एवं आवंटियों में से किसी की चूक की स्थिति में देय ब्याज की दर भी अंकित होगी। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा SBI एमसीलआर+1 प्रतिशत की ब्याज दर निर्धारित की गयी है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,188FansLike
5,319FollowersFollow
50,181SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय