लखनऊ । कोर्टरूम में हुई कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की हत्या के मामले में शुक्रवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त उपेंद्र अग्रवाल ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने बताया कि अभी तक पूछताछ में आरोपित विजय से जो चीजे सामने आयी है उसकी गंभीरता से जांच की जाएगी। इस केस से जुड़े कुछ और भी संदिग्ध हो सकते हैं, उनको लेकर भी जांच चल रही है।
जेसीपी ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल और अभी तक की गई पुलिसियां कार्रवाई को लेकर प्रारंभिक जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि घटना के दिन कुख्यात अपराधी को पुलिस की 10 लोगों की टीम पेशी पर लेकर आई थी। कोर्ट रूम में जाते वक्त पीछे से गोली चलाई गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हमले में एक बच्ची, महिला सहित पांच लोग घायल हुए थे। सिपाही घायल लाल मोहम्मद व कमलेश चौधरी को गोली लगी थी। अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने संजीव को मृत घोषित कर दिया गया था। घायल अन्य लोगों में सभी की हालत खतरे से बाहर है। शुक्रवार को सिपाहियों की ऑपरेशन करके बुलेट निकाली गई।
उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रकरण की विवेचना वजीरगंज थाना प्रभारी मनोज मिश्र स्वयं कर रहे हैं। उनके सहयोग के लिए अतिरिक्त तीन सह विवेचक राजेन्द्र शुक्ला, रमेश चन्द्र यादव, हरिद्वारी लाल को लगाया गया गया है। न्यायालय की सुरक्षा में लगे छह पुलिस कर्मियों को लापरवाही बरतने के मामले में निलंबित कर दिया गया है। 10 अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच हो रही है। विवेचक की मदद के लिए टेक्निकल टीम लगाई गई है। फारेंसिक और सर्विलांस सेल की भी काम कर रही है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी को लगाया गया है। आज एसआईटी ने कोर्ट की सुरक्षा को लेकर अवध और सेंट्रल बार के अधिकारियों के साथ बैठक की है। आपसी सहमति से कोर्ट की हाईटेक सुरक्षा होगी। न्यायालय के सुरक्षा के लिए इंस्पेक्टर रामफल प्रजापति को नियुक्त किया गया। न्यायालय की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होगा। आरोपित विजय को 14 दिनों के न्यायिक कस्टडी में जेल को भेजा गया, शनिवार को पुलिस रिमांड के लिए कोर्ट जायेंगे।
उन्होंने बताया कि आरोपित से प्रारंभिक पूछताछ में कही अहम जानकारी मिली है जो मीडिया से साझा नहीं किया जा सकता है। उस पर जांच की जा रही है। जीवा की हत्या को लेकर बिखरी कड़ियों को जोड़ने के लिए पुलिस और एसआईटी टीम सभी बिन्दुओं पर तफ्तीश कर रही है।