चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में किसानों के कर्ज के मुद्दे पर शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान इनेलो विधायक अभय चौटाला ने यह सवाल उठाया। अभय इसके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए। मंत्री की तरफ से मुख्यमंत्री ने भी बचाव किया । उन्होंने स्पीकर द्वारा स्पलीमैंटरी प्रश्रों का जवाब 15 दिन में दिए जाने के आदेश और स्पीकर द्वारा सरकार का पक्ष लेने पर गहरी नाराजगी जाहिर की और सदन से वॉक आउट किया।
अभय ने दूसरे नेशनल और प्राइवेट बैंकों के कर्जों का भी ब्यौरा मांगा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्री ने अपने विभाग से जुड़े बैंकों का डॉटा दे दिया है। अगर सभी बैंकों की जानकारी चाहिए थी तो अभय सिंह को सहकारिता मंत्री की बजाय वित्त मंत्री से सवाल पूछना चाहिए था। इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को ही जवाब देना होता है। ऐसे में सभी बैंकों का ब्यौरा देना चाहिए।
अभय ने कहा कि प्रदेशभर में 19 लाख से अधिक किसान परिवार हैं और 2014 तक प्रति किसान 99 हजार 212 रुपये कर्जा था। दिसंबर तक यानी पांच वर्षों में यह बढ़कर प्रति किसान एक लाख 82 हजार 922 रुपये हो गया। यह लगभग दोगुणा है। अभय ने जब अपने ही आंकड़े सदन में रखने शुरू कर दिए तो स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि वे अपना सवाल पूछे। मामला उस समय गरमा गया, जब अभय ने कहा कि स्पीकर साहब आपको मंत्री की सीट पर आकर बैठ जाना चाहिए।
इस पर स्पीकर ने कहा, मैं मंत्री का बचाव नहीं कर रहा। फिर अभय ने पूछा सरकार बताए कि आठ वर्षों में कितने किसानों ने आत्महत्या की। किसानों पर कितना कर्जा है और सरकार की कर्जा माफी की कोई योजना है या नहीं। सरकार ने अभय के सवालों का जवाब देने के लिए पंद्रह दिन का समय मांगा है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट और स्पीकर की कार्यशैली के प्रति नाराज़गी जताते हुए अभय ने सदन से वॉकआउट किया।