कानपुर। महाराजगंज जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ दर्ज आगजनी के मामले में सातवीं बार सोमवार को फैसला टल गया। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने 20 अप्रैल की तारीख दी है। हालांकि पिछले दो बार से विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर नहीं लाया जा रहा और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हो रहे हैं। इसके पूर्व महाराजगंज जेल से लाने पर विधायक ने आपत्ति जताई थी।
सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी व उसके भाई रिजवान समेत कई लोगों पर आरोप है कि अपने आवास के पास ही नजीर फातिमा के प्लाॅट पर कब्जा करना चाहते थे। इसी को लेकर साजिशन के तहत आरोपितों ने प्लाॅट पर बनी झोपड़ी में आग लगा दी थी। मामले की सुनवाई कानपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है और संभावना थी कि 14 मार्च को कोर्ट फैसला सुना देगी। विधायक समेत सभी आरोपित कोर्ट में पेश भी हुए थे। इसके बाद क्रमश: 19, 22, 28 मार्च, चार और छह अप्रैल की तारीख कोर्ट ने दी थी, लेकिन इन तारीखों पर फैसला टल गया। छह अप्रैल को कोर्ट ने 15 अप्रैल की तारीख दी और आज एक बार फिर कोर्ट ने फैसला नहीं दिया। अगली तारीख 20 अप्रैल दी गई है।
विधायक इरफान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए थे। हालांकि पिछली बार भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही विधायक महाराजगंज जेल से पेश हुए थे, क्योंकि चार अप्रैल की तारीख पर विधायक ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था। इसके बाद से कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होने का आदेश दे दिया।
विधायक के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने बताया कि अपरिहार्य कारणों से कोर्ट ने तारीख बढ़ा दी है। 20 अप्रैल को पूरी संभावना है कि फैसला आ जाएगा। सरकारी वकील दिलीप अवस्थी ने बताया कि विधायक इरफान सोलंकी अबकी बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए, लेकिन अगली बार उनको महाराजगंज जेल से लाया जाएगा और कोई विशेष व्यवधान नहीं हुआ तो उसी दिन फैसला आ जाएगा। कोर्ट से बाहर आते हुए विधायक के भाई रिजवान ने कहा कि हम लोग बेगुनाह है और उम्मीद है कि कोर्ट हमें बरी करेगा।