Thursday, April 24, 2025

वेव ग्रुप के वाइस चेयरमैन मनप्रीत सिंह चड्ढा को उनके खिलाफ दर्ज मामलों में किया गया बरी

नई दिल्ली। वेव ग्रुप के वाइस चेयरमैन मनप्रीत सिंह (मोंटी) चड्ढा को 2018, 2021, 2023 और 2024 में उनके खिलाफ दर्ज विभिन्न मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया है। पहला मामला आर्थिक अपराध शाखा-पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर नंबर 16/2018 से संबंधित है। भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 406, 420 और 120बी तथा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एफआईआर नंबर 16/2018 के साथ एक ईसीआईआर/099एचआईयू/2019 भी दर्ज किया गया था। 19 नवंबर, 2019 को अदालत के आदेश द्वारा सीआरपीसी की धारा 320 के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसके परिणामस्वरूप मनप्रीत चड्ढा और अन्य कथित आरोपी व्यक्तियों को बरी कर दिया गया। आर्थिक अपराध शाखा पुलिस स्टेशन में एक और एफआईआर नंबर 49/2021 दर्ज की गई। एफआईआर आईपीसी की धारा 406, 420 और 120 बी के तहत दर्ज की गई थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 दिसंबर, 2022 के आदेश के तहत समझौते के आधार पर मामले को रद्द कर दिया था। आर्थिक अपराध शाखा पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर नंबर 55/2023 दर्ज की गई थी। एफआईआर आईपीसी की धारा 406, 420 और 120 बी के तहत दर्ज की गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 अक्टूबर, 2024 के आदेश में इन अपराधों को रद्द कर दिया था। आर्थिक अपराध शाखा पुलिस स्टेशन में एक और एफआईआर नंबर 13/2024 दर्ज की गई थी। एफआईआर आईपीसी की धारा 406, 420 और 120 बी के तहत दर्ज की गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उप्पल चड्ढा बनाम जीएनसीटीडी के फैसले में एफआईआर को रद्द कर दिया था। यह पता चला है कि मनप्रीत (मोंटी) चड्ढा के खिलाफ एफआईआर संख्या 16/2018 और उसके बाद की एफआईआर (संख्या 49/2021, 55/2023, और 13/2024) में आपराधिक कार्यवाही या तो कंपाउंड कर दी गई है या रद्द कर दी गई है। इन फैसलों ने चड्ढा को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है, यह घटनाक्रम वेव ग्रुप के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में देखा जा रहा है।

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