नोएडा। थाना बादलपुर क्षेत्र के ग्राम सादोपुर छिड़ौली मे स्थित एक कुएं के 50 गज की जमीन पर शिव मंदिर बनाने को लेकर दो समुदाय के लोगों में विवाद चल रहा है। आज एक समुदाय के लोगों ने वहां पर जबरन जल चढ़ाने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने विफल कर दिया। इस दौरान पुलिस की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। जिसमें कांवड़ियों के साथ बदसलूकी करने की बात सामने आई है। पुलिस आयुक्त ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) अनिल कुमार यादव ने बताया कि 7 जुलाई वर्ष 2023 को महेंद्र पाल पुत्र संचित पाल की देखरेख में ग्राम के शादीपुर छिड़ौली के कुछ लोग बादलपुर गांव के पुराना कुआं की लगभग 50 गज जगह पर शिव मंदिर बनाकर शिवलिंग स्थापित करना चाह रहे थे, जिसका ग्राम शादीपुर छिड़ौली के उसी मोहल्ले में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा विरोध किया गया। ग्राम के वर्तमान ग्राम प्रधान अब्दुल रऊफ पुत्र अब्दुल रहीम, इकबाल पुत्र रियासत अली के द्वारा मंदिर निर्माण को पुराना कुआं के उक्त स्थान पर ना करके ग्राम समाज की भूमि पर अन्यत्र जगह पर करने की बात हिंदू समाज के लोगों से कही गई।
उन्होंने बताया कि जब प्रकरण स्थानीय पुलिस के संज्ञान आया तो पुलिस द्वारा प्रकरण में विवाद के कारण वैधानिक कार्रवाई करते हुए 36 व्यक्तियों को मुचलका में पाबंद किया गया। उन्होंने बताया कि 8 जुलाई को एसडीएम दादरी व सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा गांव में जाकर दोनों समुदाय के लोगों के साथ मीटिंग की गई। तथा विवादित पुराने कुएं के निकट पुलिस बल लगाकर किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी गई। उन्होंने बताया कि 12 जुलाई को एसडीएम दादरी के निर्देशन में पुलिस बल के साथ गांव में बने एक अवैध मदरसे के ढांचे को हटाया गया। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को डीसीपी, एसडीएम तथा अन्य पुलिस के और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने दोनों संप्रदाय के लोगों के साथ बातचीत की, तथा शांति व्यवस्था बनाने की अपील की। दोनों समुदाय के लोग पुलिस का और जिला प्रशासन का सहयोग कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि आज एक व्यक्ति तारा सिंह ने कावड़ लाने के बाद गांव के मंदिर में जल चढ़ाया। दोपहर बाद वह विवादित जगह पर जल चढ़ाने के लिए गया। जिसे पुलिस ने रोका। उन्होंने बताया कि पुलिस के रोके जाने के बावजूद भी ताराचंद लगातार वहां पर आना चाह रहे थे। जब वह वहां पर आए थे उनके हाथ में जल भी नहीं था, और कांवड़ भी नहीं थी, क्योंकि वह मंदिर में पहले ही जल चढ़ा चुके थे। उन्होंने कहा कि इस दौरान शांति व्यवस्था कायम करने के दौरान एसएचओ बादलपुर की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उसकी जांच की जा रही है।