देहरादून। उत्तराखंड में होमगार्ड का जवान अब केवल ट्रैफिक ड्यूटी तक ही सीमित नही रहने वाले हैं, बल्कि अब इन जवानों के कंधों पर जनता की सुरक्षा का जिम्मा भी होगा। राज्य पुलिस में कांस्टेबलों की लंबे समय से कमी चल रही है।
इसके चलते वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा में लगने वाले जवानों में भी भारी कमी देखने को मिलती है, लेकिन अब इस कमी को पूरी करेंगे उत्तराखंड होमगार्ड के जवान। इनको अब पिस्टल की ट्रेनिग दी जा रही है और आने वाले समय में होमगार्ड का जवान सुरक्षा का जिम्मा संंभालेगा। इस योजना से अब होमगार्ड के जवानों में भी खुशी देखने को मिल रही है।
प्रदेश में पहली बार होमगार्ड को ट्रैफिक से निकाल कर सुरक्षा व्यवस्था में रखा जा रहा है, जिसके लिए होमगार्ड जवान की ट्रेनिंग की रविवार से शुरुआत पूजा-अर्चना के साथ हुई। साथ ही होमगार्ड डिपार्टमेंट ने 9 एमएम की 100 पिस्टल खरीदी है, जिसे चलाने का प्रशिक्षण देकर जवानों को दक्ष किया जाएगा।
इसके बाद होमगार्ड के जवान सुरक्षा व्यवस्था में भी दिखेंगे। भले ही इस पूरी प्रक्रिया के लिए होमगार्ड विभाग ने नियामावली में बदलाव किया है, लेकिन इससे जहां होमगार्ड के जवानों को काम मिलेगा, वहीं पुलिस को भी बड़ी मदद मिलेगी।