आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल जमानत मिल गई है। मनीष सिसोदिया 17 महीने यानी 26 फरवरी 2023 से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद थे… उन पर आरोप है कि उन्होंने शराब नीति में ‘मनमाने’ निर्णय लिए जिससे शराब कारोबारियों को अनुचित फायदा पहुंचा.. आइए जानते हैं कि ये मामला कैसे शुरु हुआ किन बड़े नेताओं के नाम इसमें शामिल हैं और सुप्रीम कोर्ट ने किन शर्तों पर मनीष सिसोदिया को जमानत दी है..
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी, जिसमें शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गईं। सरकार की तरफ से इस नीति से रेवेन्यू बढ़ने और माफिया राज खत्म करने का दावा किया गया……लेकिन कुछ विवादों के चलते 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया गया….. दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने कथित शराब घोटाले का खुलासा करते हुए उपराज्यपाल को अनियमितता की रिपोर्ट सौंपी…जिसके अनुसार नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ..
उपराज्यपाल ने इस मामले में CBI जांच की सिफारिश की…… इस पर CBI ने FIR दर्ज की और इस FIR के आधार पर ED ने Money Laundering का केस दर्ज कर लिया,… पुछताछ के लिए 26 फरवरी 2023 को ED ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया… जिसके बाद से मनीष सिसोदिया को निचली कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक राहत नहीं मिली थी…. मनीष सिसोदिया के साथ कई और लोगों के नाम भी इसमें शामिल हैं….
इस घोटाले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, के. कविता और सीएम अरविंद केजरीवाल फंसे हुए हैं …. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया पर फैसला सुनाते हुए कहा कि मनीष को लंबे समय से जेल में रखा गया है. बिना सजा के किसी को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है…इसलिए कुछ शर्तों पर मनीष को जमानत दे दी गई है… पहली शर्त ये है कि उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और दूसरी शर्त ये कि उन्हें हर सोमवार को थाने में जाकर हाजिरी लगानी होगी…