Saturday, April 27, 2024

अनमोल वचन

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

हमारे ऋषियों, महर्षियों ने हमें बहुत कुछ ऐसा दिया, जिसे पाने के बाद जीवन में सम्पूर्णता आ जाती है, कुछ पाने को शेष नहीं रहता। जीवन आत्मिक आनन्द से भर उठता है ऐसे में हमारे ऋषियों की वह आध्यात्मिक विद्या भारत की सीमाओं में सीमित नहीं कर देनी चाहिए।

वह परमात्मा का दिया ज्ञान है, जो सृष्टि के आरम्भ में प्रभु ने मानव कल्याण के लिए वेदों के रूप में ऋषियों को प्रदान किया। उस ज्ञान को सम्पूर्ण विश्व के कल्याण के लिए चारों ओर व्याप्त करना चाहिए। जैसे उस अमृत की रक्षा करने का दायित्व हमारा है, वैसे ही उसके वितरण का दायित्व भी हमारा है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

उस ज्ञान के अनुसार ही परम्पराएं स्थापित करनी चाहिए और उन परम्पराओं का पालन करने में उन परम्पराओं की अवमानना करता है अथवा उनमें बाधक बनता है तो फिर सिंह के समान पराक्रमी बनकर उनकी रक्षा करनी चाहिए, परन्तु यदि कोई असहाय आपकी शरण में आता है, उसे अपनी वत्सलता का प्रसाद बांटना चाहिए।

एक सैनिक की भांति अपनी परम्पराओं और संस्कृति की रक्षा हेतु निष्ठा का भाव होना चाहिए, परन्तु अज्ञानवश स्थापित जो परम्पराएं सड़ चुकी हैं और जिनके कारण हम संसार में उपहास का पात्र बनते हैं उनकी लाश को कंधों से उतारकर उनकी अन्त्येष्टि करने की सामर्थ्य भी हममें होनी चाहिए। वह सामर्थ्य कैसे आयेगा? वह आयेगा आप के तेज से, ओज से और तेज आयेगा आपके तप से, आपके चरित्र की आभा से।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय