Monday, February 24, 2025

अनमोल वचन

मनुष्य की एक बड़ी दुर्बलता यह है कि वह अपने गुणों को और अपनी अच्छाईयों को बढ़ा-चढ़ाकर बखान करता है और दूसरों की छोटी-छोटी कमियों को भी इस प्रकार से बयान करता है जैसे उन्होंने बहुत बड़ा पाप किया हो, जबकि नैतिकता इसमें है कि वह अपने भीतर झांके, अपने अवगुणों को देखें और दूसरों में जो भी अच्छाईयां हों उन्हें अपनायें। दूसरों की कमियों को नजरअंदाज करें। यही आत्मोत्थान का मार्ग तथा आत्मविकास का उपाय है।

जिस प्रकार अनेक छिद्रयुक्त होने के कारण छलनी में दूध अथवा जल कुछ भी नहीं ठहरता, उसी प्रकार हमारे अन्दर कमियां ही कमियां हो, अवगुण ही अवगुण हों तो कोई भी अच्छाई उसमें ठहर नहीं सकती। इसलिए अवगुणों को दूर करो।

अपने व्यक्तित्व के छिद्रों को भरने के लिए छल कपट से दूर रहते हुए सतत चेष्टाशील रहना चाहिए, तभी मन का मैल दूर होगा। जैसे ही मन का मैल दूर हो जायेगा आपको दूसरों की अच्छाईयां दिखाई देने लगेगी, ईश्वर की समीपता का आभास होगा और आपको अद्भुत मानसिक शक्ति की प्राप्ति होगी। यह काम कठिन लग सकता है, परन्तु दृढ़ इच्छा शक्ति से सब सम्भव हो जायेगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
143,143SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय