Monday, January 27, 2025

अनमोल वचन

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया, सर्वे भद्राणि पशयन्तु मा किश्चद दुख भाग भवेत। वेद का ऋषि प्रााणी मात्र के सुख और आरोग्य की कामना करता है। किसी विशेष स्थान पर रहने वालों के लिए नहीं, किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं, किसी एक जीवधारी के लिए नहीं, बल्कि संसार के सभी प्राणियों के लिए शुभकामना करता है कि किसी को किसी प्रकार का दुख-सन्ताप न हो, फिर हम क्यों अपने और केवल अपने सुख की प्रभु से प्रार्थना करे।

वेद के ऋषि का अनुसरण करते, उनसे प्ररेणा लेते हम सभी प्रभु से प्रार्थना करे कि परमेश्वर हम सभी पर कृपा करे, वरदानों की वर्षा करें, संसार का कोई भी प्राणी दुखी न हो सब सुखी हो, सब निरोग हो। सबके चेहरे खुशी से चमकते रहे। सबका हर दिन ईद और हर रात दीवाली हो। प्रभु हमें सामथ्र्य दे, सहृद्धयता का दान दे ताकि आसपास कोई बेबस लाचार और अभावग्रस्त इंसान हो तो हम उसके सहायक बने, उसे अपनी बराबरी पर लायें।

संसार में सभी लोग चाहे उनका धर्म कुछ भी हो किसी भी सम्प्रदाय के अनुयायी हो उस एक ही परमेश्वर की सन्तान हैं। इसलिए हम सब भाई-भाई हैं। प्रभु हमें वह बुद्धि दें, सामथ्र्य दे कि हम दुख में, सुख में, सब एक-दूसरे के साथ खड़े हों। सबके दुख में दुख और सुख में सुख का अनुभव करें।

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