हम सबको यह स्वीकार करना पड़ेगा कि पर्यावरण को नष्ट करने का सारा दोष मनुष्य नाम के जीव का है, बाकि के सारे जीव पर्यावरण के सृजन में लगे हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कुछ सालों के लिए यदि मनुष्यों को पृथ्वी से हटा लिया जाये तो पृथ्वी कुछ वर्षों के भीतर ही अपने मूल स्वरूप में आ जायेगी, परन्तु केवल पौधों को हटा लिया जो तो मनुष्य एक दिन भी जीवित नहीं रह पायेगा। हम पेड़-पौधों को नष्ट अधिक कर रहे हैं और उनका रोपण कम करते हैं। एक अनुमान के अनुसार मनुष्य ने आधे से अधिक पेड़ों को नष्ट कर दिया है। हम पेड़ लगा कम रहे हैं इसके विपरीत जंगलों को नष्ट तेजी से कर रहे हैं। जंगल के जीवों की प्रजातियां तेजी से समाप्त हो रही हैं हमें यह समझना होगा कि प्रकृति की रचना में हर जीव का सम्बन्ध एक दूसरे से है। जीव समाप्त हो रहे हैं और हम भी रोगी हो रहे हैं। असमय मृत्यु के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। पर्यावरण की सुरक्षा में एक काम तो हम सभी कर सकते हैं कि धर के जितने सदस्य हैं उतने पेड़ तो प्रति वर्ष हमें लगाने चाहिए। किसी भी परिवार के सदस्य का जन्म दिन इस पुनीत कार्य के लिए शुभ है। आज पर्यावरण दिवस पर हम यह शुभ संकल्प अवश्य लें। यह भी मानवता की बहुत बड़ी सेवा होगी।