Tuesday, April 29, 2025

अनमोल वचन

हम प्रतिदिन दूसरों को, अपने साथियों को मरते हुए देखते हैं फिर भी अपने को अमर मानकर संसारी मोह-ममता में लिप्त रहते हैं, अपनी मृत्यु को भूले रहते हैं, है न आश्चर्य और परम आश्चर्य यह है कि सूर्य के उदय-अस्त के साथ-साथ आयु क्षीण होती जाती है।

 

 

[irp cats=”24”]

 

 

दूसरों की मृत्यु तथा वृद्धावस्था देखकर भी यह मनुष्य अपने को अजर-अमर माने बैठा है। वह यह भूल जाता है कि मृत्यु उसे भी एक दिन अपने आगोश में ले लेगी। वह यह भी भूल गया है कि जो भी आज तक संसार में पैदा हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है।

 

 

 

वह राजा है या रंक हो, सज्जन हो या दुर्जन हो, छोटा हो या बड़ा, अमीर हो या गरीब हो, कोई भी मृत्यु से नहीं बचेगा। उसे यह ज्ञान भी है जो कर्म वह आज कर रहा है, उसका फल उसे अपने अगले जन्मों में अवश्य मिलेगा फिर भी दुष्कर्मों को करने से बाज नहीं आ रहा है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय