मुजफ्फरनगर। जेएमसी एलसीईपीएल कंपनी और जल निगम ठेकेदारों के बीच सहमति बन गई है और 31 मार्च तक काम पूरा करना होगा। विवाद के चलते जिले के 90 गांवों में 22 दिन तक टंकी निर्माण का काम ठप्प रहा।
डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी की मध्यस्थता के बाद दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गयी है और अब इन 90 गांवों में पेयजल टंकियों का निर्माण 31 मार्च तक पूरा करना होगा। यूपी जल निगम ठेकेदार एसोसिएशन और प्रदेश सरकार से जल निगम का 215 गांवों में टंकी निर्माण का टेंडर लेने वाली कंपनी जेएमसी एलसीईपीएल के बीच विवाद का पटाक्षेप हो गया।
डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी की मध्यस्थता के बाद दोनों पक्ष तैयार हुए। विवाद के चलते 90 गांवों में 22 दिन तक कार्य बंद रहा। अब 31 मार्च से पहले टंकी निर्माण का कार्य पूरा किया जाना चुनौती बन गया है। जल निगम के मुजफ्फरनगर और शामली जिले के गांवों में बनने वाली टंकियों का कार्य जेएमसी एलसीईपीएल ने लिया है। 400 करोड़ का टैंडर कंपनी के नाम छोड़ा गया है। इनमें 215 गांव मुजफ्फरनगर जनपद के हैं।
कंपनी ने यह कार्य अपने नीचे उन ठेकेदारों को दिए हैं, जो पहले से ही जल निगम में कार्य कर रहे हैं। लागत बढऩे पर पैसा बढ़ाने की मांग को लेकर जिला स्तरीय ठेकेदारों ने 21 जनवरी से 90 गांवों में कार्य बंद कर दिया था। ये वे 90 गांव हैं, जिनमें 31 मार्च तक काम पूरा होना है। विवाद का हल नहीं निकलने पर डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने स्वयं ठेकेदारों और कंपनी के अधिकारियों के बीच वार्ता कराई। वार्ता के बाद विवाद समाप्त हो गया है।
उत्तर प्रदेश जल निगम ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव त्यागी ने बताया कि कंपनी और ठेकेदारों के बीच विवाद का निस्तारण डीएम ने करा दिया है। दोनों पक्षों में आपसी सहमति हो गई है। हम लोग पूरा प्रयास करेंगे कि 31 मार्च तक काम पूरे हों।
वार्ता में जल निगम ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव त्यागी, नरेंद्र पंवार, अमृतपाल, प्रदीप कुमार, यूनूस राणा, नरेंद्र सिंह, राजवीर सिंह, मनोज चौधरी आदि रहे।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि काम बंद न होता तो अब उनके गांव में पेयजल टंकी निर्माण का काम पूरा हो जाता। 21 जनवरी से यहां काम बंद है। समस्या बढऩे लगी थी। कहना है कि विवाद सुलझाने के बाद अब 31 मार्च तक समस्त काम पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। जल निगम के अधिशासी अभियंता प्रवीण कुट्टी का कहना है कि कंपनी और ठेकेदारों के बीच चल रहा विवाद थम गया है। जल्द ही सभी गांवों में कार्य प्रारंभ हो जाएगा ।