हांगझोऊ। भारत ने एशियाई खेलों के इतिहास में पहली बार 100 पदक का आंकड़ा पार कर लिया है। 1951 में नई दिल्ली में पहली मेजबानी के बाद खेलों के इस महाकुंभ के 19वें संस्करण में भारत ने इस मील के पत्थर को पार किया।भारत का 100वां पदक महिला कबड्डी टीम से आया। भारत ने फाइनल में चीनी ताइपे को 26-25 से हरा कर गोल्ड पर कब्ज़ा किया।
हांगझोऊ में भारत के 100 पदकों में 25 स्वर्ण, 35 रजत और 40 कांस्य शामिल हैं। इन 100 पदकों में से, पुरुष प्रतिभागियों ने 47 पदक (12-17-18) जीते हैं, जबकि महिलाओं ने 44 (9-18-19) जीते हैं, जबकि सात मिश्रित स्पर्धाओं में आए हैं। शुक्रवार रात प्रतियोगिताओं के अंत में भारत के 95 पदक हो गए थे और पुरुष हॉकी टीम ने फाइनल में जापान को हराकर स्वर्ण पदक जीता। शनिवार को अदिति गोपीचंद स्वामी ने कांस्य पदक जीता और फिर ज्योति सुरेखा वेन्नम ने कंपाउंड महिला व्यक्तिगत तीरंदाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर गिनती 97 तक पहुंचा दी।
ओजस प्रवीण देवतले और अभिषेक वर्मा ने कंपाउंड पुरुष व्यक्तिगत तीरंदाजी में क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीतकर गिनती को 99 तक पहुंचाया। इसके बाद महिला कबड्डी टीम ने इसे 100 अंक तक पहुंचा दिया। यह एशियाई खेलों में भारत का अब तक का सबसे अधिक पदक है।, 2018 में इंडोनेशिया में खेलों के पिछले संस्करण में भारत ने 70 पदक जीते थे।
मोदी ने टि्व्ट कर कहा कि भारत के लोग इस बात से रोमांचित हैं कि हम 100 पदकों की उल्लेखनीय उपलब्धि तक पहुंच गए हैं। कहा मैं अपने एथलीटों को हार्दिक बधाई देता हूं जिनके प्रयासों से भारत को यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने कहा प्रत्येक विस्मयकारी प्रदर्शन ने इतिहास रचा है और हमारे दिलों को गर्व से भर दिया है।
कहा ‘मैं 10 तारीख को हमारे एशियाई खेलों के दल की मेजबानी करने और हमारे एथलीटों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं।’ महाद्वीपीय प्रतियोगिता के इतिहास में महिला कबड्डी में यह भारत का तीसरा स्वर्ण पदक है।
भारतीय महिला कबड्डी टीम ने 2010 गुआंगज़ौ और 2014 इंचियोन महाद्वीपीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते थे तथा 2018 जकार्ता खेलों में उपविजेता रही थी। चीनी ताइपे ने हांगझू में कबड्डी में 2018 जकार्ता के कांस्य को रजत में बदला है।