श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर खेल परिषद ने जम्मू के एमए स्टेडियम में खेल प्रशिक्षकों, एथलीटों और कर्मचारियों के लिए बेसिक फर्स्ट एड और सीपीआर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इसका उद्देश्य खेलों को बढ़ावा देना और जीवन रक्षक कौशल के साथ खिलाड़ियों और कोचों को सक्षम बनाना था। जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के सहयोग से केआईआरएफ (जम्मू-कश्मीर) द्वारा आयोजित कार्यशाला को ऑर्थोपेडिक्स और एनेस्थेसिया, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज जम्मू ने समर्थन दिया था। जम्मू-कश्मीर खेल परिषद की सचिव नुजहत गुल की देखरेख में आयोजित इस सत्र में 50 खिलाड़ियों और कोचों ने भाग लिया। उन्हाेंने मैदान पर आपात स्थितियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर तकनीक को सीखा।
इस अवसर पर एचओडी ऑर्थोपेडिक्स डॉ. संजीव गुप्ता, एनेस्थीसिया विभाग के सलाहकार डॉ. कुणाल शर्मा, केआईआरएफ के अध्यक्ष डॉ. इमरान खान और डॉ. राहुल राजदान ने अहम जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन जम्मू के मंडल खेल अधिकारी बलजिंदर पाल सिंह ने किया। उन्होंने वक्ताओं का सम्मान किया और भविष्य में ऐसी और कार्यशालाओं की आवश्यकता के आयोजन पर जोर दिया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर थांग-ता एसोसिएशन के सहयोग से श्रीनगर के पोलो ग्राउंड स्थित मल्टीपर्पज इंडोर हॉल में थांग-ता कोचिंग शिविर का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य 4 से 6 जनवरी 2025 तक उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित होने वाली 30वीं सब-जूनियर और सीनियर राष्ट्रीय थांग-ता चैंपियनशिप 2024 के लिए एथलीटों को तैयार करना था। जम्मू-कश्मीर खेल परिषद ने एथलीटों और कोचों की सुरक्षा तथा कौशल विकास सुनिश्चित करते हुए एक संपन्न खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इन पहलों के माध्यम से खेल परिषद एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रयास करती है, जहां खेल और जीवन रक्षक कौशल एक साथ चलते हैं, जिससे खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक मजबूती मिलती है।