Friday, September 20, 2024

लव जिहाद से एक समुदाय को टारगेट कर रही योगी सरकार- इकरा हसन

कैराना। उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन चौधरी ने यूपी की योगी सरकार पर जोरदार हमला किया है। इकरा ने धर्मांतरण से जुड़े कानून में किए गए बदलाव पर बात करते हुए योगी सरकार पर कई सवाल खड़े किए। इकरा हसन ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि राज्य की भाजपा सरकार सिर्फ धर्म की राजनीतिक करना जानती है। इसी तरीके से सिविल मैटर में जिस तरह से राज्य सरकार दखल दे रही है, वह लोकतांत्रिक ढ़ांचे को कमोजर करती है।

 

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

‘सरकार को दखल देने की नहीं है जरूरत’

इकरा ने कहा कि जब यह विषय समाज में पहले से है। हमारे क्षेत्र में भी इस तरह के मामले हुए हैं और मौजूदा कानून के तहत कार्रवाई भी हो रही है। जब कोई बालिग अपनी सहमति से संविधान में दिए अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसमें सरकार को दखल देने की जरूरत है ही नहीं

 

‘धर्म की राजनीति की वजह से ऐसा कर रही बीजेपी’

अगर कहीं फंसाकर या गलत तरीके से धर्मांतरण कराया जा रहा है तो हमारे पास जो पहले से कानून हैं वो पर्याप्त हैं। लेकिन भाजपा धर्म की राजनीति की वजह से ऐसा कर रही है। कांवड़ यात्रा के दौरान इन्होंने नेम प्लेट लगाने का जो आदेश दिया था वो इसी के तहत था। अब इनकी राजनीति दम तोड़ती जा रही है इसलिए ऐसा किया जा रहा है। जैसा हमारे अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि जैसे दीया बूझने से पहले फड़फड़ाता है, वही बीजेपी का हाल है।

 

‘ लव जिहाद से एक समुदाय को टारगेट कर रही योगी सरकार’

लव जिहाद को लेकर इकरा ने कहा कि समाज में इस तरह के शब्द का इस्तेमाल जहर घोलने का काम करता है। संविधान दूसरे धर्म में शादि करने का अधिकार देता है। बीजेपी सरकार जो यूपी में कर रही है ये उनकी बौखलाहट है, इसलिए वह भेदभाव की राजनीति कर रहे हैं। इकरा ने आगे कहा कि यह एक खास समुदाय को टारगेट करने के लिए लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं… यह सामाजिक मुद्दा है। कई लोग अलग-अलग वजहों से दूसरे धर्म में शादी करते हैं, यह सामाजिक मुद्दा है न कि राजनीतिक मुद्दा। इसको जिस तरह जह बनाकर समाज में डाला जा रहा है उससे पूरे समाज को, देश को और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

 

‘ शादी जैसे मामलों में सरकार के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं’

अगर कोई धर्म बदलना चाहता है तो यह उसका पहले अपने मन से होता है… जब उसका मन करता है वो तभी करता है… संविधान तो इसके बाद आता है… अगर संविधान एक आदमी को बोलने का, पसंद का खाने का, घूमने का और अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने और फिर शादी करने का अधिकार देता है तो सरकार को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय