मुजफ़्फरनगर। भाकियू सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत ने यूपी सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में 20 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को नाकाफी बताते हुए गन्ना मूल्य रू 450 कुंतल किए जाने की मांग की है, इसके पहले, गन्ना मूल्य को लेकर प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 2021 में भी 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी। वर्तमान में सामान्य गन्ने का मूल्य 340 रुपये प्रति क्विंटल और अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल है।
गन्ना मूल्य में 20 रूपये कुन्तल की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरे के समान: जयंत चौधरी
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के नाम पर उनके साथ छलावा हो रहा है। बहुत विलम्ब के बाद प्रदेश सरकार ने 20 रूपये प्रति कुन्तल की गन्ना मूल्य वृद्धि की है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान गन्ना उत्पादन की लागत को देखते हुए राज्य सरकार से 450 रूपये प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य की मांग कर रहे थे। भाजपा सरकार ने अपने विगत 7 वर्षो के शासन में गन्ने के मूल्य में मात्रा 55 रूपये प्रति कुन्तल की घोषणा की है, जो नाकाफी है। 20 रूपये प्रति कुन्तल मूल्य वृद्धि के साथ उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत 360 रूपये प्रति कुन्तल हो गई, जबकि पडौसी राज्य हरियाणा में 386, पंजाब में 392 रूपये प्रति कुन्तल है। हरियाणा में अभी से अगले सीजन के लिये 400 रूपये का भाव घोषित कर दिया है।
यूपी में किसानों को योगी सरकार का तोहफा नामंजूर, ₹20 प्रति कुंतल गन्ने के भाव में बढ़ोतरी नाकाफी- टिकैत
चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि इस बार भी चुनावी वर्ष है और लगभग 4 वर्ष बाद गन्ने के दाम में मामूली बढ़ोतरी की गई है, जिसको लेकर किसान संतुष्ट नहीं है। सरकार गन्ने के दाम के लिए पुन विचार कर गन्ने का दाम 450 रुपए प्रति कुंतल करने का कार्य करें।
भाजपा सरकार ने गन्ना मूल्य वृद्धि के नाम पर किया किसानों के साथ धोखा: पंकज मलिक
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व चरथावल विधान सभा क्षेत्र से विधायक पंकज मलिक ने आज प्रदेश सरकार द्वारा की गई गन्ना मूल्य वृद्धि को किसानों के साथ धोखा बताया। उन्होंने बताया कि तीन साल बाद गन्ना मूल्य वृद्धि हुई है और उसमें भी मात्रा 20 रूपये बढाये गये है। कम से कम 400 रूपये प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य किया जाना बेहद आवश्यक है। आज के समय में खेती करना घाटे का सौदा साबित हो रहा हैं। किसान कर्ज के नीचे दबा हुआ है और उसकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। पंकज मलिक ने केन्द्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों को छल रही है और उनके हित में कोई विशेष कार्य नहीं कर रही है। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश सरकार कम से कम 400 रूपये प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य घोषित अवश्य करें, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
गन्ना मूल्य सिर्फ 2० रुपये बढाना किसानों के साथ मजाक: जिय़ा चौधरी
भाजपा सरकार द्वारा गन्ना किसानों की बार बार मांग व आंदोलन के बाद भी मात्र 20 रुपये गन्ना मूल्य बढ़ाना किसानों के साथ मजाक व अत्याचार है। सपा जिलाध्यक्ष जिय़ा चौधरी एडवोकेट ने भाजपा की योगी सरकार के गन्ना मूल्य मात्र 20 रुपये कुंतल बढ़ाने के निर्णय को अपर्याप्त बताते हुए विरोध दर्ज कराते हुए प्रकट किए, उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में बढ़ती महंगाई के कारण किसानों की फसलों पर लागत बेतहाशा बढ़ी है, लेकिन भाजपा सरकार ने किसानों के हितों की परवाह न करके मिल मालिकों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए पर्याप्त गन्ना मूल्य न बढ़ाकर उनका उत्पीडऩ जारी रखते हुए मात्र 20 रुपये बढ़ाकर गन्ना किसानों का उपहास उड़ाने का काम किया है। समाजवादी पार्टी इस निर्णय को भाजपा के किसान विरोधी निर्णय मानकर पुरजोर विरोध करते हुए गन्ना मूल्य लागत व महंगाई के अनुसार बढ़ाने की मांग करती है।
योगी सारकार ने किया किसानों से धोखा: रमा नागर
राष्ट्रीय लोकदल की राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती रमा नागर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने किसानों के साथ 20 रुपये बढाकर धोखा किया है और राष्ट्रीय लोकदल इस गन्ना मूल्य बढोत्तरी का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को चले भी लगभग ढाई महीने हो गये है ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने इतने दिनों बाद गन्ना मूल्य में मामूली से बढोत्तरी कर ऊँट के मुहँ में जीरा के समान मूल्य बढ़ोतरी की है, रालोद उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करती है, कि गन्ना मूल्य पर पुन: विचार विमर्श कर गन्ना का मूल्य 450 रुपये करने की मांग करती है, उन्होंने बताया- मैं खुद एक किसान परिवार से हूँ, मै स्वंय तथा मेरी पार्टी रालोद इस मूल्य बढोत्तरी का विरोध करती है, नहीं तो आगामी दिनों में राष्ट्रीय लोकदल सड़क पर उतरकर इस गन्ने मूल्य बढोत्तरी का विरोध करेगी।
योगी सरकार ने किसान व उद्योग हित में गन्ने का भाव 2० रुपये बढ़ाया, लेकिन किसानों को
पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बालियान ने कहा कि योगी सरकार ने पेराई सत्र 20 23-24 के लिए प्रदेश के समस्त चीनी मिलों के द्वारा क्रय किये जाने वाले गन्ना का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) 20 रूपये बढाया है और इस प्रकार अगौतो प्रजाति का गन्ना 350 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 370 रुपए हो गया है, लेकिन किसानों को ज्यादा उम्मीद थी।
उनका कहना है कि किसान व उद्योग हित में यह फैसला ठीक है, हम इसका स्वागत करते हैं। यूपी की योगी सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान, गन्ने के प्रति हेक्टेयर उत्पादन, चीनी परता और सभी चीनी मिलों के संचालन के मामले में रिकॉर्ड बनाया है। राज्य की अधिकांश चीनी मिलें समय से भुगतान कर रही है। इससे पहले चीनी मिलों द्वारा समय से गन्ना मूल्य का भुगतान न होना किसानों के धरना प्रदर्शन की मुख्य वजह रहती थी। योगी सरकार ने भुगतान के साथ ही सबसे ज्यादा जोर पुरानी मिलों के आधुनिकीकरण और नई मिलों की स्थापना पर दिया है। बसपा और सपा शासन काल में वर्ष 2007 से 2017 के दौरान बंद होने वाली 29 मिलों के मद्देजर नई मिलों को खोलना और पुरानी मिलों का आधुनिकीकरण किसानों के हित में ऐतिहासिक कदम रहा है। योगी सरकार से पहले प्रदेश में 45 लाख गन्ना किसान थे, लेकिन आज 60 लाख गन्ना किसान हैं। इससे चीनी मिलें व किसान दोनों मजबूत हुए हैं।
भाजपा ने किया किसानों के साथ मजाक: राकेश पुण्डीर
कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव एवं पूर्व कार्यवाहक जिला अध्यक्ष जनपद मुजफ्फरनगर राकेश पुंडीर ने कहा कि पश्चिमी पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसानों की मुख्य फसल गन्ना है, इस बढ़ती हुई बेहताशा महंगाई के दौर में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मात्र रू 2० कुंतल गन्ने का भाव बढ़ाना भाजपा सरकार ने किसानों के साथ बहुत बड़ा मजाक किया है, जो किसान रात दिन सर्दी गर्मी में खेतों में कार्य कर देशवासियों को भोजन देने का कार्य करता है, उसकी फसल गन्ने का भाव रू 2० कुंतल की बढ़ोतरी कर प्रदेश सरकार ने किसान विरोधी होने का प्रमाण पत्र जारी किया है ।
योगी सरकार में किसान बेबस व मजबूर हुआ: मोइन त्यागी
युवा किसान नेता मोइन त्यागी ने कहा है कि योगी सरकार ने मात्र 20 रूपये प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य वृद्धि की है, जो नाकाफी है। योगी सरकार में किसान बेबस व सब सहने को मजबूर हुआ है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का दावा भाजपा सरकार लगातार कर रही है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो पा रहा है और किसानों की आय नहीं बढ पा रही है, जिससे किसान काफी परेशान है।