लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार ने अब सूक्ष्म उद्यमियों को राहत देते हुए बड़ा निर्णय लिया है। बुधवार को योगी मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना” को मंजूरी दे दी गई है।
इस योजना के माध्यम से अपरिहार्य परिस्थितियों में सूक्ष्म उद्यमियों को सहायता प्रदान की जा सकेगी। इसके अंतर्गत पात्र सूक्ष्म उद्यमी की दुर्घटना में मृत्यु होने या अपंगता पर 5 लाख रुपए तक का दावा किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में स्थापित कुल एमएसएमई इकाइयों का लगभग 15 प्रतिशत ही औपचारिक रूप से उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं और 85 प्रतिशत इकाइयां अनौपचारिक रूप से कार्यरत हैं। उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य न होने के कारण इन इकाइयों के आंकड़े औपचारिक रूप से उपलब्ध नहीं होते हैं। जिससे इस क्षेत्र का आर्थिक योगदान वास्तविक रूप से प्रदर्शित नहीं हो पाता। वहीं, नीति निर्धारण में भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
इसी के चलते योगी सरकार ने सूक्ष्म उद्यमियों को राहत देने का निर्णय लिया है। मंत्रिपरिषद के निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत 18 से 60 वर्ष के सूक्ष्म श्रेणी के उद्यमियों द्वारा आवेदन किया जा सकता है। इसमें ऐसे सूक्ष्म उद्यमियों को आच्छादित किया जाएगा, जो जीएसटी विभाग के द्वारा संचालित व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ पाने के पात्र नहीं हैं। योजना के अंतर्गत दुर्घटना के चलते यदि किसी सूक्ष्म उद्यमी की मृत्यु होती है तो उसके परिजनों को 5 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद प्राप्त हो सकेगी।
दुर्घटना में स्थाई अपंगता पर भी 5 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद का प्राविधान है। वहीं, आंशिक अपंगता पर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र में दिव्यांगता प्रतिशत के अनुसार राहत राशि प्राप्त होगी। दुर्घटना होने की दशा में पीड़ित के परिवार द्वारा ऑनलाइन व्यवस्था में आवेदन करने के बाद समस्त प्रपत्रों की एक प्रति संबंधित जिले के उपायुक्त उद्योग को प्रस्तुत की जाएगी। रजिस्टर्ड सूक्ष्म उद्यमी की दुर्घटना होने की दशा में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उपायुक्त उद्योग से क्लेम धनराशि की संस्तुति प्राप्त होने के बाद निदेशालय स्तर से उद्यमी के नामित वारिस को बीमा की धनराशि डीबीटी के माध्यम से अधिकतम एक माह में उपलब्ध करा दी जाएगी।
योगी मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति, 2023 को लागू किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति, 2023 लागू होने से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। जन-सामान्य के लिए उचित मूल्य पर आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से बेहतर गुणवत्ता वाली नागरिक सुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक टाउनशिप की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गुणवत्ता पूर्ण नागरिक सुविधाओं से युक्त आधुनिक टाउनशिप के विकास से जन सामान्य को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध होगी। नगरों के सुनियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन में बढ़ोत्तरी होगी।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी सरकार लगातार अर्बनाइजेशन को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में यह निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत डेवलपर और डेवलपमेंट अथॉरिटी दोनों की जिम्मेदारी तय की गई है। यदि डेवलपर नियमों की अवहेलना करेंगे तो उन पर पेनाल्टी और संपत्ति का जब्तीकरण किया जा सकेगा। इसमें 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस एवं 10 प्रतिशत एलआईजी का भी प्राविधान होगा। निर्धारित भूमि की अनिवार्यता को 25 एकड़ से घटाकर सवा 12 एकड़ तक कर दिया गया है।