लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोला और कहा कि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं, वो किसान, गरीब, दलित की पीड़ा क्या समझेंगे।
मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को विधानसभा में सपा मुखिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने नेता विरोधी दल की बातों को सुना। एक घंटे के भाषण में उन्हें सिर्फ गोरखपुर का जलजमाव दिखाई पड़ा। गोरखपुर में एक ही रात 133 मिमी बारिश हुई, इस वजह से जलजमाव हुआ। वहां लोग खुश हैं। उन्हें पता है अब जलजमाव नहीं होगा।
उन्होंने कहा, जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं, वो किसान, गरीब, दलित की पीड़ा क्या समझेंगे? पिछड़ों, अति पिछड़ों के साथ इन्होंने क्या व्यवहार किया, ये पूरा प्रदेश जानता है। चौधरी चरण सिंह की बातों को अगर सपा ने जरा-सा भी ध्यान दिया होता, तो इनके शासन काल में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या न करते।
योगी ने कहा कि विपक्ष अपनी विफलता को छुपाने के लिए, अब गरीबों को जो सरकारी आयुष्मान के कारण सुविधा मिल रही है, वो नहीं दिखाई दे रही है। हमें विरासत में एक जर्जर व्यवस्था मिली थी, उसे ठीक करने में समय तो लगता है।
योगी ने विपक्ष पर तंज कसा कि 2024 में आपका खाता भी नहीं खुलने वाला है। 24 में फिर से डबल इंजन की सरकार आने वाली है।
योगी ने कहा कि नेता विरोधी दल के वक्तव्य को देखकर यही लगा कि 2014, 2017, 2019 और 2022 का जो जनादेश है, वो जनता ने ऐसे ही नहीं दिया। दुष्यंत कुमार ने इस पर बहुत अच्छी बात कही है कि “तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीं नहीं, और कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीं नहीं।” उन्हें जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी ने ये बात कही भी है कि “समरथ को नहीं कोई दोष गोसाईं।” ऐसे ही लोगों पर बातें अक्षरशः ठीक बैठती हैं, क्योंकि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं, वो गरीब-किसान-दलित की समस्या और उसकी पीड़ा को क्या समझेंगे। उन्होंने अति पिछड़ों और पिछड़ों के साथ क्या व्यवहार किया था, ये पूरा देश जानता है।
योगी ने कहा कि महान किसान नेता और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि देश की प्रगति का मार्ग इस देश के गांव, गलियों, खेत और खलिहानों से होकर जाता है। चौधरी चरण सिंह की बातों को वास्तव में समाजवादी पार्टी ने अपने कालखंड में थोड़ा भी ध्यान में रखा होता तो उत्तर प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक किसानों ने उनके कालखंड में आत्महत्या नहीं की होती।
उन्होंने कहा कि मुझे चौधरी चरण सिंह की बातों के साथ ही महान साहित्यकार राम कुमार वर्मा जी की पंक्तियां याद आती हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। यह देश के अन्नदाता किसानों के लिए समर्पित पंक्तियां थीं कि “हे ग्राम देवता नमस्कार, सोने चांदी से नहीं किंतु तुमने मिट्टी से किया प्यार, हे ग्राम देवता नमस्कार।” सोना-चांदी से प्यार करने वाले लोग अन्नदाता किसान के महत्व को नहीं समझेंगे। उसकी पीड़ा को भी नहीं समझ पाएंगे।
योगी ने कहा कि अगर भारत की खेती की बात होती है तो नेता विरोधी दल, उससे बाड़ी शब्द भी जुड़ता है। पशुपालन भी उसका पार्ट है। और, जिस सांड की आप बात कर रहे हैं न वो भी उसी का हिस्सा है। आपके समय में वो बूचड़ खाने के हवाले होता था, हमारे समय में यही पशु धन का पार्ट बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि लगता है पेपर की कटिंग पर होमवर्क करते समय शिवपाल जी ने कुछ पुरानी कटिंग भी बीच में रखवा दी थीं। क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब परिवार में सत्ता का संघर्ष बढ़ता है तो कुछ न कुछ चीजें तो सामने आएंगी। शिवपाल जी ने इतना पापड़ बेला है तो कुछ तो सामने आएगा। शिवपाल जी के प्रति हमारी सहानुभूति है। आपके साथ अन्याय हुआ है। आपके साथ ये लोग न्याय करेंगे भी नहीं।