लखनऊ। जातीय जनगणना और प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर जारी बहस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विपक्ष को दो टूक जवाब दिया। उन्होंने विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि टेस्ट, वैक्सीन और राशन किसी की जाति देखकर नहीं लगाए गए थे। योजनाओं का लाभ, विकास सब तक पहुंचाने का काम हमने पूरी मजबूती के साथ किया।
विरोधी दल कैसी बातें कर रहे थे। जाति हाय री जाति। कल पूरे टेलिविजन रंगे थे, प्रयागराज की घटना को लेकर। पूरी घटना का साजिशकर्ता की फोटो वायरल हो रहे थी। कोई उससे भाग नहीं सकता है। हाथ मिला रहे हैं, पीछे आपकी पार्टी का सिंबल लगा है, फिर भी आप मुंह मोड़ने का काम कर रहे हैं। उमेश पाल, संदीप निषाद की कोई जाति नहीं थी क्या। यानि आप ठेका ले चुके हैं जाति का लेकिन किसी गरीब, पिछड़े को पेशेवर अपराधियों को संरक्षण देकर मरवाएंगे, ये क्या तमाशा है, फिर मुकर भी जाएंगे, ये बड़ी अजीब बात है। राजू पाल की कोई जाति नहीं थी क्या, जब राजू पाल की हत्या हुई थी तब इस माफिया के संरक्षणदाता कौन थे। राजू पाल अपने दम पर विधायक बन गया था।
आप जाति-जाति की बात करते हैं। मैंने इसी बात को पिछली बार भी कहा था। हम विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर, यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन बनाने की बात करते हैं तो आप हंसते हैं। आपने प्रदेश को जहां छोड़ा था आज यात्रा उससे बहुत आगे बढ़ चुकी है। उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन इकॉनमी बनेगा और जरूर बनेगा। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है यूपी हमारा राज्य आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। हमारे पास आज के दिन बढ़ा राजस्व लोक कल्याण का आधार बन रहा है। गरीबों, किसानों, माताओं और बेटियों के कल्याण का आधार बन रहा है। वल्र्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्च र डेवलप करने का आधार बन रहा है। यूपी को जिसे आप लोगों ने बीमारू बना दिया था, आज वह बीमारू से उबर चुका है, देश की बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभर रहा है। मैं कह सकता हूं कि हमारा पहला ग्राउंड ब्रेकिंग होने दीजिए यूपी नंबर दो की अर्थव्यवस्था होगी, पांच साल में देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था होगा।
सीएम ने आगे कहा कि पिछले पांच वर्ष में कोई अतिरिक्त टैक्स जनता पर नहीं लगाया। पेट्रोल डीजल के दाम यूपी में सबसे कम है, अगल-बगल के राज्यों से मिला लीजिए। यूपी में जीएसटी देने के लिए व्यापारी वर्ग उतावला है। 26 लाख से अधिक व्यापारियों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन किया है और लगातार कर रहा है। सरकार ने हर व्यापारी को 10 लाख की सुरक्षा बीमा का कवर उपलब्ध कराया है।
योगी ने कहा कि ये तब है जब हमने कोरोना महामारी को झेला है। सरकार की संवेदनशीलता थी। प्रदेश में मुफ्त टेस्ट, उपचार, वैक्सीन, राशन उपलब्ध कराई गयी। गरीबों को भरण पोषण भत्ता, 40 लाख कामगारों के स्किल मैपिंग की व्यवस्था। हमने कभी नहीं कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है। हमे न बैंकों से लोन लेने की जरूरत पड़ी, ना वित्तीय संस्थाओं के सामने गिड़गिड़ाने की आवश्यक्ता हुई। एफआरवीएम एक्ट की लिमिट में उसके अंदर ही यूपी की वर्तमान की व्यवस्था को राजकोषीय घाटे के दायरे में रखा है। यूपी ने कोविड 19 जैसी महामारी का सामना करते हुए राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखा, ये सरकार के वित्तीय प्रबंधन का बेहतरीन नमूना है, जिसके लिए विपक्ष को सरकार की सराहना करना चाहिए।