गुरुग्राम। गुरुग्राम में ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल और उनकी पत्नी ग्रीसिया मुनोज़ ने एक अनोखा कदम उठाते हुए ज़ोमैटो के डिलीवरी एजेंट के रूप में एक दिन बिताया। इसका उद्देश्य डिलीवरी एजेंटों द्वारा सामना की जाने वाली दैनिक चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझना था। गुरुग्राम, जहां ज़ोमैटो का मुख्यालय स्थित है, में इस अनुभव के जरिए उन्होंने डिलीवरी की प्रक्रिया, समय-सीमा, और एजेंटों को आने वाली समस्याओं को करीब से महसूस किया।
शेयर की गई तस्वीरों में, ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ग्राहकों के साथ बातचीत करते हुए नजर आए। कुछ ग्राहकों ने उन्हें पहचान लिया और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। एक तस्वीर में, दीपिंदर एक ऑफिस के बाहर ऑर्डर डिलीवर करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां उनकी पीठ पर ज़ोमैटो का बैग और हाथ में हेलमेट है, जिससे वह एक डिलीवरी एजेंट की तरह दिख रहे थे।
दीपिंदर ने गुरुग्राम में फूड डिलीवरी के लिए अपनी ट्रायम्फ बाइक का उपयोग किया, जो इस बात का संकेत है कि उन्हें सुपरबाइक का शौक भी है। इस अनुभव ने न केवल उन्हें ग्राहकों के साथ जुड़ने का मौका दिया, बल्कि डिलीवरी एजेंटों की कठिनाइयों को समझने में भी मदद की। इस पहल ने कंपनी के संचालन और डिलीवरी एजेंटों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाया।
दीपिंदर गोयल की इंस्टाग्राम पोस्ट पर यूजर्स ने विभिन्न प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने उत्सुकता से पूछा, “भैया, आप एक दिन में कितनी डिलीवरी करते हैं और कितने पैसे कमाते हैं?” वहीं, दूसरे यूजर ने मजाक करते हुए कहा, “भैया यार, आपने फिर गलत टर्न ले लिया… सामने से बाएं मुड़ जाओ, मैं वहीं खड़ा हूं।”
एक अन्य यूजर ने दीपिंदर के इस पहल की सराहना करते हुए लिखा कि वह उनके काम का बहुत सम्मान करते हैं। इन टिप्पणियों ने दर्शाया कि लोगों ने दीपिंदर के इस अनुभव को सकारात्मक रूप से लिया है और उनकी पहल को सराहा है। यह फीडबैक न केवल दीपिंदर के लिए, बल्कि ज़ोमैटो के लिए भी प्रोत्साहक साबित हुआ है।