शामली। जनपद शामली में एक मकान की तीसरी मंजिल पर प्रतिबंधित पशु का मांस और अवशेष मिलने के मामले को लेकर हिंदू संगठनों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इस प्रकरण में पुलिस पर ढिलाई बरतने और मुख्य आरोपियों को बचाने के आरोप लगाते हुए हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर शिकायती पत्र सौंपा। साथ ही, मामले की गहन जांच कर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
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आपको बता दें कि शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पंसारियान स्थित एक मकान की तीसरी मंजिल पर प्रतिबंधित पशु का मांस और अवशेष बरामद हुए थे। यह स्थान शहर की पुलिस चौकी से महज सौ मीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया था।
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हिंदू संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले की गंभीरता को नजरअंदाज करते हुए केवल मकान मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि यह पता लगाने का प्रयास नहीं किया गया कि प्रतिबंधित मांस वहां कैसे पहुंचा और इसकी आपूर्ति कहां से हुई। संगठन के पदाधिकारियों ने पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए कहा कि लगता है पुलिस मामले को रफा-दफा कर मुख्य आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
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पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए पत्र में संगठन के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और पता लगाया जाए कि प्रतिबंधित मांस की आपूर्ति किसके द्वारा, कहां से और कैसे की गई। साथ ही, इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
हिंदू संगठनों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली हैं और यदि पुलिस समय रहते कठोर कदम नहीं उठाती, तो जन आक्रोश बढ़ सकता है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।