मुजफ्फरनगर। शहर के भोपा रोड पर स्थित अग्रवाल डुप्लेक्स बोर्ड मिल लिमिटेड के खिलाफ रविवार को स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। इलाके के सैंकड़ों लोगों ने फैक्ट्री के सामने जोरदार प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जाहिर किया। प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण बताया।
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प्रदर्शन में शामिल बीजेपी नेता जोगिंद्र वर्मा ने बताया कि पेपर मिल से निकलने वाली काली राख ने आसपास की कॉलोनियों और गांवों में रहने वालों का जीना दुश्वार कर दिया है। उन्होंने कहा कि, खाना खाने बैठो तो राख गिरती है, कपड़े सुखाने तक की जगह नहीं बची। कई लोगों की आंखों की रोशनी तक चली गई है।“ वर्मा ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही।
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वर्मा ने बताया कि “हम पिछले एक महीने से प्रदूषण नियंत्रण विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पेपर मिल और अन्य फैक्ट्रियों में कूड़ा, प्लास्टिक और खराब पानी जलाया जाता है, जिससे प्रदूषण और बढ़ जाता है।”
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प्रदर्शनकारी आत्माराम ने बताया कि अग्रवाल डुप्लेक्स पेपर मिल से उड़ने वाली काली राख के कारण क्षेत्रवासियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि हमारे कपड़े, खाना, पानी—सब कुछ राख से प्रभावित हो गया है। आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होती है। कई बार फैक्ट्री प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन कुछ दिन राहत के बाद फिर वही स्थिति हो जाती है।”
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प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि नगर पालिका की सीमा में आने वाली इस फैक्ट्री को तुरंत स्थानांतरित किया जाए। प्रदर्शन के दौरान माहौल गरमा गया और फैक्ट्री प्रबंधन के लोगों के साथ जोगिंद्र वर्मा की तीखी नोकझोंक हुई। मामला बढ़ता देख नई मंडी कोतवाली प्रभारी दिनेश कुमार बघेल मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रदूषण विभाग के कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और सारी शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
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स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी हितेश चंद्रा ने बताया कि उन्हें इस मामले की शिकायत हाल ही में मिली है। उन्होंने दावा किया कि एक जांच टीम मौके पर भेजी गई है और तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये महज खानापूर्ति है और पहले भी ऐसी बातें हो चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।