मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने आज काले वाला झील का निरीक्षण किया, जहां वन विभाग द्वारा झील का पुर्नस्थापन और ईको टूरिज्म के रूप में विकास किया जा रहा है। इस झील का क्षेत्रफल 1150 हेक्टेयर है और यह आठ गांवों में फैली हुई है, जिनमें अलमावाला, जिन्दावाला, बहमनबगला, बसेडा-द्वितीय, तुगलकपुर, गोधना, झबरपुर और कालेवाला शामिल हैं। इन गांवों में डिमार्केशन का कार्य प्रारंभ हो चुका है, लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। ग्राम अलमावाला, तुगलकपुर और कालेवाला में डिमार्केशन नहीं हो पाया है, जिससे बाऊंड्री पीलर लगाने का कार्य रुका हुआ है।
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जिलाधिकारी ने वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वन विभाग की भूमि और राजस्व की भूमि पर अवैध कब्जों को तत्काल हटाकर भूमि को संरक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि काले वाला झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, जहां विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर और पक्षी रहते हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे।
निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी सदर निकिता शर्मा और संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम बनाकर कब्जामुक्त कराते हुए सीमांकन का कार्य पूर्ण किया जाए, ताकि झील को एक ईको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित किया जा सके।