हिम्मतनगर । साबरकांठा जिले की इडर तहसील के 18 साल तक के बच्चों ने वह कर दिखाया है जो बड़े-बड़ों के लिए प्रेरणा बन जाए। यहां के बालकों ने अपने चॉकलेट, आइसक्रीम और अन्य उपहारों के पैसों की बचत कर अनूठी मिसाल पेश की है। सहकारिता के तहत इडर की बाल गोपाल मंडली में 5 करोड़ की रकम जमा की गई है। यह पूरी राशि 18 साल से कम उम्र के बच्चों की बचत है। केन्द्रीय मंत्री परसोत्तम रूपाला ने लोकसभा में बच्चों की इस कोशिश की सराहना की है।
साबरकांठा जिले की इडर स्थित बाल गोपाल मंडली में 17 हजार बालक सदस्य हैं। इन बच्चों ने अब तक करीब 16 करोड़ रुपए जमा किए हैं। अभी इनके बाल बैंक में 5 करोड़ रुपए जमा हैं। साबरकांठा जिले के इन बच्चों ने इस धारणा गलत साबित कर दिया है कि वे रुपए का महत्व नहीं समझते।
मंडली के अध्यक्ष अश्विनी पटेल बताते हैं कि बच्चों में संस्कार जरूरी है। यदि उनमें बचपन से बचत की आदत डाली जाए तो यह उनके लिए जीवन भर काम आता है। घर में आए अतिथियों की ओर से बच्चों को रुपए, उपहार या अन्य कोई वस्तु दी जाती है तो यहीं से उनमें सीख देने की जरूरत है। रुपए से वे चॉकलेट-मिठाई के बजाय इसे बाल बैंक की बचत पेटी में डालते जाते हैं। बचत की यह आदत उनके ही काम आती है। इन रुपयों से वे उच्च शिक्षा में काम आने वाली पुस्तक-वस्तुओं की खरीदी करते हैं। परिवार के मुश्किल समय में भी यह रुपए सहारा बन जाते हैं।
इडार के लालोडा गांव के एक परिवार से इस बचत परंपरा की नींव डाली गई। धीरे-धीरे इनमें बड़ी संख्या में बच्चे शामिल होते गए। इनकी संख्या अब 17 हजार के करीब जा पहुंची है। हाल में यह मंडली साबरकांठा और अरवल्ली जिले में सक्रिय है। मंडली ने एक नेटवर्क बनाया है, जिसके अनुसार मंडली का एजेंट हर महीने बचत पेटी खोलकर उसमें इकट्ठा रकम बालकों के घर से लेकर मंडली में जमा करता है। केन्द्रीय मंत्री परसोत्तम रूपाला ने बच्चों की इस अनूठी पहल को लोकसभा में सराहा है।