गाजियाबाद। मुज़फ्फरनगर के दो उद्योगपतियों द्वारा गाज़ियाबाद के एक सिविल इंजीनियर के साथ दो करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में वेव सिटी थाने में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इंदिरापुरम निवासी सिविल इंजीनियर देवी सिंह सोलंकी इंदिरापुरम के ज्ञान खंड दो में रहते हैं। देवी सिंह सोलंकी ने बताया कि उनके पास कोलंबिया एशिया के सामने स्थित मैसर्स रतनदीप इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय से फोन आया था । वह वहां कंपनी के निदेशक रचित सिंघल और सुरेंद्र कुमार अग्रवाल से मिले थे। दोनों ने उन्हें बताया था कि वे मुज़फ्फरनगर के बड़े कारोबारी है और गाज़ियाबाद में उनकी कंपनी सिल्वर होम्स के नाम से 22 मंजिला टावर का निर्माण करा रही है। उन्होंने निर्माण कार्य का ठेका लेने के लिए कहा लेकिन उन्होंने अधिक उम्र और रुपयों की कमी की बात कहकर ठेका लेने से मना कर दिया।
उन्होंने बताया कि इस पर निदेशकों ने कहा कि सरिया और सीमेंट उनकी कंपनी मुहैया करा देगी। वह सिर्फ मशीन और मजदूरों की व्यवस्था कर लें। उनका भुगतान भी बीच-बीच में होता रहेगा। इस पर उन्होंने ठेका ले लिया। 2016 को लिखित वर्क ऑर्डर भी तैयार हो गया। शुरुआत में उन्होंने 10 लाख रुपये एडवांस भी जमा कराकर काम शुरू करा दिया। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी सारी जमापूंजी करीब दो करोड़ रुपये उसमें लगा दी।
पीड़ित का कहना है कि निर्माण कार्य में उन्होंने जीवनभर की जमा पूंजी करीब 2 करोड़ रुपए लगा दिए। मगर, उन्हें रकम का भुगतान नहीं किया गया। पीड़ित का कहना है दोनों निदेशक मुज़फ्फरनगर के बड़े उद्योगपति है और वहां रतनदीप ज्वेलर्स और मदन स्वीट्स के नाम से भी इनके कारोबार है और इनसे रुपये वापस मांगने के लिए कहने पर ये खुद और बड़े अपराधियों से भी धमकी दिलाते है। उन्होंने बताया कि दोनों उद्योगपतियों ने अपनी कंपनी भी दिवालिया घोषित करा दी है और अलग नाम से बड़े कारोबार चला रहे है। तंग आकर पीड़ित ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की। उसके बाद एंटी फ्रॉड सेल से जांच कराई गई।
एसीपी वेब सिटी सलोनी अग्रवाल का कहना है कि मैसर्स रतनदीप इंफ्रास्ट्रक्चर के दोनों निदेशक के अलावा नितिन जैन, विवेक गोयल तथा आलोक कुमार कंसल सहित आठ आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है।