नोएडा। बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग लोगों को नामी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस और बाद में और पैसे जमा करवा कर उनके साथ धोखाधड़ी किया करते थे। अब तक यह लोग 200 से ज्यादा लोगों को ठग चुके हैं और लाखों रुपए हड़प चुके हैं। ये लोग नौकरी डॉट कॉम की फर्जी रिसिप्ट भी लोगो को उपलब्ध करवाते थे। ताकि लोगों को इन पर भरोसा हो जाए।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 2 मई को सुनील नाम के एक पीड़ित ने इनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमे उसने 1-अभिषेक 2-आलोक व उनके अन्य साथियों द्वारा अपने साथ नामी कम्पनी में नौकरी दिलाने के नाम पर नौकरी डॉट कॉम का फर्जी लेटर देकर 67,000/ रुपए ठग लेने की शिकायत दी थी। पुलिस ने इस मामले में कार्यवाही करते हुये दिनांक 3 मई को 1-आलोक उम्र 32 वर्ष, 2-सतीश सिंह उम्र 32 वर्ष, 3-उमेश उम्र 20 वर्ष, 4-अभिषेक उम्र 23 वर्ष को नोएडा के बी-86 सेक्टर 60 जिसको ये लोग कॉल सेंटर के रूप में प्रयोग करते थे, गिरफ्तार किया है।
इनके पास से पुलिस ने कई उपकरण, 27,000/रुपए नगद व एक कार बरामद की है। पुलिस ने जब छापेमारी की तो अन्दर बने अलग-अलग कैबिन में चार व्यक्ति बैठे मिले, जो डैस्कटॉप, मोबाईल फोन व वॉकी-टॉकी से काम कर रहे थे। कॉल सेंटर का सरगना आलोक पहले भी धोखाधड़ी के मामलें में थाना साइबर क्राइम चड़ीगढ से जेल जा चुका है।
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि गैंग के सरगना आलोक ने एक विश्वविद्यालय से बीसीए की पढ़ाई की हुई है। जल्द रुपये कमाने के चक्कर में उसने फर्जी कॉल सेंटर खोला, जिसमें उसने अपने साथ कुछ साथियों को पैसे का लालच देकर काम करने के लिए रखा, जो बेरोजगार युवक-युवतियों को फोन करने के लिए जॉब पोर्टल से डाटा चोरी करके उनके बारें में जानकारी इकट्ठा करते थे।
इसके बाद उनके मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क कर उनके जॉब प्रोफाइल एवं शैक्षिक योग्यता के मुताबिक नामी कम्पनी में नौकरी दिलाने का नाटक रचते थे। इसके बाद नौकरी पाने के इच्छुक युवक-युवतियों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 1900/ रुपये, प्रोसेसिंग फीस आ जाने के बाद वेरिफिकेशन और रिज्यूम अपडेट करने के नाम पर और रुपये अपने खाते में डलवा लेते थे तथा फर्जी नौकरी डॉट कॉम की रिसीप्ट तैयार कर बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी रिसीप्ट दे देते थें। यह लोग किसी को भी नौकरी नहीं देते थे। ठगी का पैसा इन अभियुक्तगण द्वारा अपने संचालित फर्जी अकाउंट नंबरों में लिया जाता था। जो 27000/रुपए मिले हैं वह भी युवक-युवतियों के साथ की गयी ठगी का ही पैसा है। कॉल सेंटर के सरगना आलोक ने पुलिस को बताया कि अब तक वह अपने साथियों के साथ मिलकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 200 लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी कर चुके हैं।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ये लोग करीब 5 माह से फर्जी कॉल सेंटर खोलकर ठगी कर रहे थे। पुलिस की नजर में ये फर्जी नौकरी लगवाने वाला कॉल सेंटर न आए इसलिए ये लोग।समय-समय पर अपना ऑफिस बदल लेते थे। इन लोगों ने इसके लिए एक दो स्थान भी बदला है। स्थानीय पुलिस अन्य माध्यम का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इनके द्वारा कितने लोगों के साथ ठगी की गयी है तथा कितनी जगह कॉल सेंटर संचालित किया गया है। इसी क्रम में अन्य जिलों में भी जालसाजों के आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जा रहा है।
कॉल सेंटर के सरगना आलोक ने बताया कि वह कॉल सेंटर पर बेरोजगार युवक-युवतियों से उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार नामी कम्पनी मे नौकरी दिलाने के नाम पर रकम ऐंठते थे, जिनका हजार रुपए से लेकर लाखों रुपए तक रेट तय कर रखा था। जैसी नौकरी वैसा ही रेट लेते थे।