लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के नियंत्रण वाले राजकीय एवं अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं में संचालित होने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों में शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश क्षमता निर्धारित कर दी है। शासन की ओर से मिले अनुमोदन के अनुसार डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं के पाठ्यक्रमों में कुल 49,778 अभ्यर्थी प्रवेश ले सकेंगे।
सीटों की क्षमता का निर्धारण 2022-23 सत्र में प्रवेश क्षमता में विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्रों की रुचि को देखते हुए किया गया है। यही नहीं, निर्धारित सीटों पर प्रवेश में आरक्षण संबंधी नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत सीटों में 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा भी उपलब्ध होगा।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि उत्तर प्रदेश के युवाओं का कौशल निखारकर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत योगी सरकार प्रति वर्ष हजारों युवाओं को पॉलीटेक्निक के माध्यम से विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित करती है। सरकार की मंशा छात्रों को उनके पसंदीदा पाठ्यक्रमों में प्रवेश देकर मनपसंद करियर चुनने के प्रति प्रोत्साहित करना है।
एआईसीटीई का अनुमोदन जरूरी
प्रवक्ता ने बताया कि विगत वर्षों में देखा गया है कि कई पाठ्यक्रमों में युवाओं की ज्यादा दिलचस्पी रहती है, जबकि कुछ पाठ्यक्रमों में रुझान कम हुआ है। इसी को देखते हुए सरकार ने सीटों की संख्या का निर्धारण किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान सभी संस्थानों को सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों का प्रवेश निर्धारित सीटों तक ही किया जाएगा। सुनिश्चित करना होगा कि जिन संस्थाओं के लिए प्रवेश क्षमता का निर्धारण किया गया है, उनमें प्रवेश या पंजीकरण के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए अनुमोदन प्राप्त हो गया हो।
उन्होंने बताया कि समस्त राजकीय या अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं में शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए निर्धारित 49,778 सीटों पर काउंसिलिंग के पूर्व समस्त तथ्यों एवं एआईसीटीई से अनुमोदन की स्थिति सचिव संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद द्वारा अपने स्तर से सुनिश्चित की जाएगी। सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद भी छात्रों का पंजीकरण करते समय यह पुष्टि करेंगे कि सभी सीटें एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त हैं।
10 प्रतिशत सीटें ईडब्ल्यूएस के लिए अनुमन्य
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार फार्मेसी पाठ्यक्रम में निर्धारित प्रवेश क्षमतानुसार पीसीआई, नई दिल्ली से अनुमोदन प्राप्त होने पर ही प्रवेश लिया जाएगा। पीसीआई सर्कुलर के अनुसार फॉर्मेसी पाठ्यक्रम में पीसीआई द्वारा अनुमोदित प्रवेश क्षमता की 10 प्रतिशत सीटें ईडब्ल्यूएस के तहत प्रवेश के लिए अनुमन्य की गई हैं। फार्मेसी पाठ्यक्रम को छोड़कर अन्य पाठ्यक्रमों में एआईसीटीई सर्कुलर के अनुसार कुल प्रवेश क्षमता का 10 प्रतिशत सीटें ईडब्ल्यूएस प्रवेश के लिए अनुमन्य किया गया है। आर्किटेक्चरल असिस्टेंटशिप एवं इंटीरियर डिजाइन एंड डेकोरेशन पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित प्रवेश क्षमता के अनुसार काउंसिल आफ आर्किटेक्चर के निर्देशानुसार प्रवेश की कार्यवाही की जाएगी।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए 9881 सीटों की वृद्धि
उन्होंने बताया कि प्रवेश क्षमता निर्धारण के लिए जो अनुमोदन प्राप्त हुआ है उसके अनुसार 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए 9881 सीटों की वृद्धि की गई है जो कुल निर्धारित 49,778 सीटों में निहित है। इसके अनुसार राजकीय एवं अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थाओं में सामान्य पाली के तहत कुल प्रवेश क्षमता 44139 निर्धारित की गई है। स्ववित्त पोषित योजना के तहत 2162 सीटों का निर्धारण किया गया है। इसी तरह इंटीग्रेटिंग पर्सन विद डिसेबिलिटी इन दि मेन स्ट्रीम टेक्निकल एंड वोकेशनल स्कीम के अंतर्गत 35 सीट, द्वितीय पाली (दोपहर 2 बजे से शाम 8.30 बजे तक) के लिए 2542 और पीपीपी मोड में संचालित संस्थाओं में 900 सीटों का निर्धारण किया गया है।
दिव्यांग छात्रावास की फूड सब्सिडी में चार गुना वृद्धि
इसके अलावा योगी सरकार ने छात्रावास में रहकर तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे दिव्यांग छात्रों को बड़ी राहत दी है। कानपुर स्थित डॉ अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडीकैप्ड में छात्र एवं छात्राओं की फूड सब्सिडी को 250 से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है। इस संस्थान में डिप्लोमा अनुदानित पाठ्यक्रमों में प्रदेश भर के 150 दिव्यांग छात्र एवं छात्राएं रहकर पढ़ाई करते हैं। प्रवक्ता ने बताया कि काफी समय से फूड सब्सिडी बढ़ाने की मांग की जा रही थी। इस मांग के अनुरूप प्राप्त प्रस्ताव के तहत सरकार ने फूड सब्सिडी में चार गुना वृद्धि करने का निर्णय लिया है।