वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। खबर है कि विरोधी समूहों को देखते हुए अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियां उनकी सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। कहा जा रहा है कि इस साल मार्च में हुई घटना के कारण एजेंसियां अतिरिक्त सावधान हैं, जब खालिस्तानी समर्थक समूहों ने पंजाब में खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
इससे अलग 75 सांसदों ने राष्ट्रपति बाइडेन को चिट्ठी लिखकर कहा है कि मजबूत अमेरिका-भारत संबंधों के लंबे समय से समर्थकों के रूप में हम यह भी मानते हैं कि दोस्तों को अपने मतभेदों पर ईमानदार और स्पष्ट तरीके से चर्चा करनी चाहिए। भारत और अमेरिका के बीच साझा हितों के कई क्षेत्रों के अलावा आप सीधे प्रधानमंत्री मोदी के साथ चिंता के मुद्दे भी उठाएं।
आपको बता दे कि अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने मंगलवार को बाइडेन को पत्र लिखकर उनसे मोदी के समक्ष ‘चिंता वाले मुद्दे’ उठाने तथा दोनों देशों के बीच मजबूत एवं दीर्घकालिक संबंध सफल बनाने के लिए जरूरी सभी मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया था।
भारतवंशी सांसद प्रमिला जयपाल सहित 75 सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया कि लंबे समय से भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों के समर्थक के रूप में, हम यह भी मानते हैं कि दोस्तों को अपने मतभेदों पर ईमानदार और स्पष्ट तरीके से चर्चा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वसनीय रिपोर्ट भारत में राजनीतिक स्थान के सिकुड़ने, धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ने, नागरिक समाज संगठनों और पत्रकारों को निशाना बनाने और प्रेस की स्वतंत्रता और इंटरनेट एक्सेस पर बढ़ते प्रतिबंध जैसे परेशान करने वाले संकेत दर्शाते हैं।
इसी बीच व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी की तरफ से जारी एक बयान में जानकारी दी गई है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन मानवाधिकारों को लेकर अमेरिका की चिंताओं को उठा सकते हैं, लेकिन वह इस मुद्दे पर उन्हें कोई ‘नसीहत’ नहीं देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे। इस दौरान दोनों नेता भारत-अमेरिका और वैश्विक हितों के व्यापक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने बुधवार को संकेत दिया कि बाइडन मानवाधिकारों पर अपनी चिंताओं को प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखेंगे।
बुधवार को, विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने हर स्तर पर मानवाधिकारों के मुद्दे पर स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा की है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने भी बाइडन से मोदी की राजकीय यात्रा के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता एवं अन्य संबंधित मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाने का आग्रह किया था।