मुजफ्फरनगर। जिले में राशन डीलरों की हड़ताल के चलते लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है। जनपद के पांच लाख परिवारों के 21 लाख 91 हजार 500 सदस्यों को राशन का इंतजार है। कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर राशन विक्रेता हड़ताल पर है। जनपद में प्रति माह पांच तारीख से सस्ते गल्ले का खाद्यान्न जनता को मिलना शुरू हो जाता है।
इस बार प्रदेश के समस्त राशन विक्रेताओं ने एक बोरी पर मिलने वाले 90 रुपये के कमीशन को बढ़ाकर दूसरे राज्यों के बराबर करने की मांग को हड़ताल कर रखी है। राशन विक्रेताओं की हड़ताल को देखते हुए प्रदेश सरकार ने राशन वितरण की तिथि पांच जनवरी से नहीं की। दूसरी तिथि सात जनवरी से होती है, इस पर भी राशन वितरण शुरू नहीं हो पाया है। अब दस जनवरी की तिथि जारी की गई है।
जिले में राशन की 961 दुकानें हैं, इन दुकानों से चार लाख 97 हजार 194 परिवार राशन लाते हैं। इन परिवारों की कुल युनिट 21 लाख 91 हजार 500 है। राशन विक्रेता संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक कमिशन बढ़ाने की मांग पूरी नहीं होती राशन वितरण प्रारंभ नहीं किया जाएगा। डीएसओ राघवेंद्र सिंह का कहना है कि हड़ताल प्रदेश स्तर की है, अकेले जिले का मामला नहीं है।
सरकार ने राशन वितरण की तिथि दस जनवरी से जारी की है। प्रदेश स्तर पर राशन विक्रेताओं और सरकार में बात चल रही है जल्द ही समाधान निकलेगा। उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के जिलाध्यक्ष घनश्याम शर्मा का कहना है कि राशन विक्रेताओं को बहुत कम कमीशन मिल रहा है। जब तक हमें दूसरे राज्यों के बराबर कमीशन नहीं मिल जाता, तब तक हम आंदोलन जारी रखेंगे। मांग नहीं मानी जाती है, तो दस जनवरी से वितरण नहीं होगा।