नोएडा। नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो नोएडा के विभिन्न कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थ उपलब्ध कराता था। गिरफ्तार आरोपियों में चार नोएडा के एक नामी विश्वविद्यालय के छात्र हैं। जबकि पांच विभिन्न जगहों से मादक पदार्थ लाकर इन्हें उपलब्ध कराते है। पुलिस ने उसके पास से मादक पदार्थ एमडीएमए, कोकीन, विदेशी गांजा, समुद्री गांजा, चरस तथा सफेद रंग का मादक पदार्थ का पाउडर आदि बरामद किया है।
पुलिस उपयुक्त (जोन प्रथम) हरिश चंदर ने बताया कि थाना सेक्टर-126 पुलिस ने े एक सूचना के आधार पर एमिटी विश्वविद्यालय के पास से दर्शन जैन (छात्र बीबीए एलएलबी एमिटी यूनिवर्सिटी), आदित्य कुमार छात्र एमिटी विश्वविद्यालय बीबीए एलएलबी, अपूर्ण सक्सेना छात्र एमेटी विश्वविद्यालय एमबीए, सागर बजाज छात्र एमबीए एमिटी विश्वविद्यालय तथा राजन, अक्षय, अमित सोम, नरेंद्र कुमार और सत्येंद्र श्रीवास्तव सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि इनके पास से पुलिस ने भारी मात्रा में मादक पदार्थ एमडीएमए, शिलांग का गांजा, समुद्री गांजा, सफेद रंग के पाउच में पैक किया हुआ मादक पदार्थ आदि बरामद किया है।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे लोग विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से संपर्क करते हैं, तथा उन्हें मादक पदार्थ उपलब्ध कराते हैं। डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि एमिटी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले चारों छात्र अन्य आरोपियों के साथ मिलकर देश-विदेश से गांजा, चरस, कोकीन तथा एमडीएमए और अन्य मादक पदार्थ मंगवाते हैं।
ये लोग सोशल मीडिया के माध्यम से छात्र-छात्राओं से संपर्क करते हैं तथा उन्हें मादक पदार्थ सप्लाई करते हैं। उन्होंने बताया गिरफ्तार आरोपी काफी दिनों से इस अवैध कारोबार में संलिप्त थे। डीसीपी ने बताया कि इनके पास से एक कार और दो मोटरसाइकिल बरामद हुआ है। इनसे गंभीरता से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि इनसे मिली जानकारी के आधार पर कुछ अन्य लोगों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस गोरख धंधे में छात्र-छात्राओं के अलावा यहां के विभिन्न विश्वविद्यालय के हॉस्टलों के वार्डन और अध्यापक तो संलिप्त नहीं है। पुलिस को इस बाबत भी कुछ जानकारी मिली है। इस बाबत एमिटी विश्वविद्यालय के प्रबंधन से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन आज विश्वविद्यालय बंद होने की वजह से उनसे बात नहीं हो पाई।