Sunday, November 3, 2024

चिकित्सा, समाज के प्रति सेवा है, व्यवसाय नहीं : मांडविया

लखनऊ। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि चिकित्सा, समाज के प्रति सेवा है, व्यवसाय नहीं। हमारी संस्कृति में अस्पताल मंदिर है और डाक्टर को ईश्वर माना गया है। उन्होंने कहा कि यह चरक और धन्वन्तरि का देश है। गुलामी के प्रतीकों को तोड़कर हमें आगे बढ़ना है।

डॉ. माडविया ने संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के 28वें दीक्षांत समारोह में संस्थान के छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि हमारे लिए राष्ट्र ही प्रथम हो। इसके लिए राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज से ही स्वस्थ राष्ट और सफल राष्ट्र बनता है। अमृत काल में हम सभी की जिम्मेदारी बढ़ गयी है। सन् 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपकी एक जीवन शैली समाप्त हुई है व दूसरी शुरू हुई है। आप सभी अपने माता-पिता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें। आपकी सफलता से माता-पिता के साथ शिक्षक भी गौरवान्वित होते हैं।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उत्तीर्ण विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि इसके आगे अब चुनौतियां भी हैं। राज्य के हर निवासी को चिकित्सा सुविधा प्रदान करनी है। मेडिकल कालेज बढ़े हैं। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज का लक्ष्य है, फैकल्टी भी बढ़ानी है। हर मेडिकल कॉलेजों के पास एक नर्सिंग कालेज भी होना चाहिए। इस दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि विद्यार्थी इसी मेहनत से आगे बढते रहें, हर क्षेत्र में प्रगति करें।

इस अवसर पर एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ.आरके धीमान और महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय नासिक के कुलपति डॉ. माधुरी कानितकर और प्रो. शालीन कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय