नयी दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को लगातार चौथे दिन राज्यसभा में नारेबाजी और हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी जिससे शून्यकाल और प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हाे सकी।
सभापति जगदीप धनखड़ सुबह के स्थगन के बाद बारह बजे जैसे ही सदन में पहुंचे विपक्षी सदस्यों ने जोर जोर से बाेलते हुए अपनी मांग रखी। सभापति ने सदस्यों के आचरण पर अफसोस जताते हुए कहा कि सदन में सदस्यों का आचरण बहुत नीचे गिर गया है और गिरावट की भी हद होती है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सदन के एक वरिष्ठ सदस्य दूसरे सदस्य की वीडियोग्राफी कर रहे हैं और आसन की नकल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक आचरण है। विपक्षी सदस्य इस बीच जोर जोर से अपनी बात रखते रहे।
इसी बीच सभापति ने कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे और सदन में अव्यवस्था को देखते हुए सभापति ने कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी थी। इससे शून्यकाल और प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी।
विपक्ष पिछले सप्ताह से ही संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर सदन में हंगामा कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करायी जाए और गृहमंत्री अमित शाह वक्तव्य दें। उधर सभापति ने कहा है कि सुरक्षा में चूक की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। इस मुद्दे पर बने गतिरोध के कारण पिछले सप्ताह दो दिन कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका जबकि सोमवार को शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हुआ।
हालांकि सरकार ने हंगामे के बीच जम्मू कश्मीर से संबंधित दो विधेयक पारित कराये। सदन में हंगामा करने और अमर्यादित आचरण के लिए 46 सदस्योंं को राज्यसभा से निलंबित भी किया गया है। इनमें से 12 सदस्यों के आचरण का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। इन सदस्यों का निलंबन समिति की रिपोर्ट आने तक प्रभावी रहेगा। शेष 34 सदस्यों का निलंबन सत्र की शेष अवधि के लिए किया गया है।