पटना। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में बिहार में दबाव की राजनीति शुरू है, जिस कारण खींचतान की स्थिति बन गई है। गठबंधन के सभी दल सीटों को लेकर अपना दावा जता रहे हैं, जिससे तय माना जा रहा है कि सीट बंटवारा आसान नहीं है।
जदयू अपनी सीटिंग सीट को लेकर 16 से 17 सीटों पर दावा जता रही है, वहीं, गठबंधन में सहयोगी कांग्रेस ने 9 से लेकर 10 सीटों पर दावा जताया है। वामपंथी दलों में भाकपा की तीन और भाकपा (माले) की ओर से पांच सीटों की दावेदारी सामने आई है।
भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि हम दर्जन भर सीटों पर लड़ना चाहते थे, लेकिन, बेगूसराय, बांका और मधुबनी तो लड़ेंगे ही।
भाकपा (माले) के धीरेंद्र झा, राजाराम सिंह, केडी यादव ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलकर अपने कोटे की 5 सीटों की सूची सौंप दी। इतना तय माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा में सबसे बड़े दल और गठबंधन की सहयोगी राजद भी उतनी ही सीटें अपने पास रखेगी, जितनी सीटें जदयू के हिस्से में होगी।
राज्य में लोकसभा की सीटें 40 हैं, ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर सीट बंटवारे को मामला कैसे सुलझेगा। इंडिया गठबंधन को लेकर यही कहा जा रहा था कि बिहार में आसानी से सीट बंटवारा हो जायेगा। अब कहा जा रहा है कि सभी सहयोगी दल दबाव की राजनीति कर रहे हैं।