आज गणतंत्र दिवस है। आज के दिन 1950 में हमारा अपना संविधान लागू हुआ था। इस पवित्र अवसर पर हमें अपने राष्ट्र की प्रगति के लिए कुछ संकल्प लेने चाहिए, जिससे विश्व पटल पर हमारे देश का सम्मान बढे। हमें अन्य देशों में प्रतिष्ठा प्राप्त हो। सबसे पहले हमें अपने देश भारत से प्यार करना चाहिए।
यह भारत हमारा अपना परिवार है। इसे अपने निजी परिवार की भांति प्यार करना चाहिए। यदि हम जिम्मेदार गृहस्थ है तो हम परिवार के लिए पूरी तरह समर्पित होते हैं। इसी प्रकार हमें अपने भारत राष्ट्र के प्रति भी समर्पित होना चाहिए।
बहुधा हम देश के कानून का सम्मान नहीं करते, बल्कि कानून को तोडऩे में ही अपनी शान समझते हैं। हमें अनुशासन रहते हुए देश के कानूनों का सम्मान करना सीखना होगा। दूसरे मुफ्तखोरी हमारे खून में समा गई है। हम जितना वेतन पाते हैं उसके हिसाब से हम एक चौथाई कार्य भी नहीं करना चाहते। हम कुशलता से अपने-अपने उत्तरदायित्वों को पूरा नहीं करेंगे तो देश का विकास कैसे होगा।
आज की सबसे बड़ी समस्या जल और पर्यावरण की सुरक्षा का। पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध स्वास्थ्य से है। जल बचाइये और पर्यावरण की सुरक्षा में अपना सहयोग दें। याद रखें जल को बचाया जा सकता है, बनाया नहीं जा सकता। यदि जल की इस प्रकार बर्बादी की जाती रहे तो आने वाली पीढिय़ां शुद्ध जल को तरस जायेगी। हमें जब कभी सरकार के किसी फैसले से आपत्ति होती है तो हम रास्ते जाम कर देते हैं, बसों, कारों और रेलगाडिय़ों तथा अन्य सरकारी सम्पत्ति को हानि पहुंचाते हैं।
राष्ट्रीय सम्पत्ति हमारी अपनी सम्पत्ति है। इसके साथ ऐसा व्यवहार करें, जैसे आपके परिवार की सम्पत्ति हो। हमें यह सोचना होगा कि हमारे केवल अधिकार ही नहीं है, देश के प्रति हमारे कर्तव्य भी है। तभी देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो पायेगा।