नई दिल्ली। अवैध व्यापार से उत्पन्न खतरों के प्रति युवाओं को जागरूक करने के मकसद से, फिक्की कैस्केड (अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाली तस्करी और जालसाजी गतिविधियों के खिलाफ समिति) ने एक इंटर-स्कूल प्रतियोगिता का आयोजन किया।
‘भारत को तस्करी और जालसाजी से मुक्त बनाने में युवाओं की भूमिका’ विषय पर केंद्रित, प्रतियोगिता को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया था : पेंटिंग, एलोक्यूशन और जिंगल राइटिंग। कार्यक्रम में दिल्ली और एनसीआर के 70 अग्रणी स्कूलों के 600 से अधिक छात्रों की जबरदस्त प्रतिक्रिया और भागीदारी देखी गई।
प्रतियोगिता के जज थे — फिक्की कैस्केड के सलाहकार और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पी.सी. झा; फिक्की कैस्केड के सलाहकार और पूर्व विशेष दिल्ली पुलिस आयुक्त दीप चंद; और कानून और न्याय मंत्रालय के पूर्व सचिव और फिक्की कैस्केड थिंक टैंक के सदस्य पी.के. मल्होत्रा।
पी.सी. झा ने कहा, “कल के उपभोक्ता होने के नाते, स्कूली बच्चे व्यापार के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, इसलिए राष्ट्र की अर्थव्यवस्था और विकास पर तस्करी और जालसाजी के प्रभाव को समझने के लिए उनकी मदद करना आवश्यक है। फिक्की कैस्केड इस लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है और जागरूकता पैदा करने और छात्रों को इस बढ़ते खतरे के खिलाफ युवा आंदोलन का नेतृत्व करने को लेकर प्रेरित करने के लिए हर साल प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहा है।”
पी.के. मल्होत्रा ने कहा, ”अवैध व्यापार न केवल हमारे देश के वर्तमान बल्कि भविष्य पर भी प्रभाव डालता है। यह जरूरी है कि युवा अपनी शक्ति को पहचानें और बेहतर कल को आकार देने के लिए इस चुनौती का सामना करें। सतर्क उपभोक्ता और जिम्मेदार नागरिक बनकर, वे किसी भी प्रकार के अवैध व्यापार का समर्थन करने या उसमें शामिल होने से इनकार कर सकते हैं और एक ऐसे समाज का निर्माण कर सकते हैं जो नियम कानून पर आधारित हो।”
फिक्की कैस्केड तस्करी और जालसाजी से निपटने के एजेंडे पर एक समर्पित मंच है। पिछले कुछ वर्षों से, फिक्की कैस्केड सबसे अधिक प्रभावित वर्ग, उपभोक्ता, के बीच तस्करी के दुष्प्रभावों के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने का काम कर रहा है। समिति के युवा जागरूकता कार्यक्रम ने भारत में अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए अपने कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए अधिक लोगों, विशेषकर युवाओं को लाने का अवसर प्रदान किया है।
नीति निर्माताओं, उद्योग, प्रवर्तन अधिकारियों और मीडिया के साथ, फिक्की कैस्केड विभिन्न इंटरस्कूल और इंटरकॉलेज प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों के माध्यम से इस मुद्दे को संबोधित करने की अपनी लड़ाई में देश के युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है।