नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के इलेक्टोरल बांड योजना को समाप्त किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी ने आशा व्यक्त की है कि भारतीय जनता पार्टी अब सुप्रीम कोर्ट की सुनेगी और भविष्य में पारदर्शी, लोकतांत्रिक और समान अवसर वाली परिस्थितियों को नुकसान पहुंचाने से बचेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि पार्टी का पहले दिन से ही मानना है कि योजना में स्पष्टता की कमी है और यह अलोकतांत्रिक है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस काले धन को बदलने की योजना को असंवैधानिक करार दिया है। भाजपा ने आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष सभी पर बुलडोजर चलाते हुए योजना को पारित कराया था। इस बात में कोई आश्चर्य नहीं है कि योजना से प्राप्त 95 प्रतिशत धन केवल भाजपा को ही गया था। कांग्रेस ने 2019 के अपने घोषणा पत्र में साफ कहा था कि सरकार में आने पर योजना को समाप्त किया जाएगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने का फ़ैसला स्वागत योग्य है। यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। इस फ़ैसले की प्रतीक्षा लंबे समय से की जा रही थी। मोदी सरकार ‘चंदादाताओं’ को विशेष तरह के अधिकार और छूट दे रही है जबकि ‘अन्नदाताओं’ के साथ अन्याय पर अन्याय करती जा रही है।
साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर भी ध्यान देगा कि चुनाव आयोग लगातार वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से इनकार कर रहा है। यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी और साफ़ है तो फिर समय न देने की ज़िद क्यों?