Friday, November 15, 2024

संदेशखाली: लोकसभा की विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पर लगी रोक

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सुकांत मजूमदार के जख्मी होने कि उनकी शिकायत पर लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष चल रही कार्यवाहियों पर सोमवार को रोक दी।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राज्य के आला अधिकारियों पर कोई कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए लोकसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।

गौरतलब है कि समिति ने मजूमदार शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक और बशीरहाट के जिलाअधिकारी और पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था।

पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख मजूमदार ने पिछले सप्ताह बुधवार को हुई घटना में चोट लगने, क्रूरता और जानलेवा हमले का दावा किया था। उनकी इस शिकायत पर विशेषाधिकार समिति ने कार्यवाही करते हुए 15 फरवरी को अधिकारियों को नोटिस जारी किया था।

शीर्ष अदालत के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और ए एम सिंघवी ने विशेषाधिकार समिति के समक्ष कार्यवाही की वैधता पर सवाल उठाते हुए दलील दी कि शिकायतकर्ता सांसद की ओर से किए गए विरोध का संसदीय कर्तव्यों से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि एक वीडियो साक्ष्य से पता चला है कि शिकायतकर्ता ने खुद पुलिस कर्मियों को धक्की दी थी। वकील ने यह भी तर्क दिया कि सीआरपीसी की धारा 144 पहले ही लागू कर दी गई थी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय