Friday, November 15, 2024

ऑस्कर में ‘ओपनहाइमर’ की धूम, ‘बेस्ट पिक्चर’ का खिताब

लॉस एंजलिस। दुनिया के सर्वोच्च फिल्म सम्मान (96वें ऑस्कर अकादमी अवॉर्ड्स) का आगाज यहां हुआ।अकादमी अवॉर्ड्स में इस साल बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड ‘ओपनहाइमर’ को मिला है। इसी के साथ उसने ऑरिजनल स्कोर अपने नाम कर लिया। रेड कारपेट पर इसकी घोषणा होते लुडविग गोरान्सन ने मंच पर पहुंचकर इसके लिए अपने माता-पिता का आभार जताया।

पुरस्कार-दर-पुरस्कार

इसके अलावा होयटे वैन होयटेमा को ‘ओपनहाइमर’ के लिए सिनेमैटोग्राफी के लिए ऑस्कर मिला है। जेनिफर लेम को फिल्म एडिटिंग के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। उन्हें यह अवॉर्ड फिल्म ‘ओपनहाइमर’ के लिए मिला है। ‘ओपनहाइमर’ के लिए किलियन मर्फी को बेस्ट एक्टर का ऑस्कर मिला है। इसके अलावा निदेशक श्रेणी में भी ‘ओपनहाइमर’ का दबदबा रहा। निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन को अवॉर्ड मिला है।

यह भी खास है

एक्शन शॉर्ट फिल्म की श्रेणी में ‘द वंडरफुल स्टोरी ऑफ हेनरी सुगर’ ने ऑस्कर अपने नाम किया। इस आयोजन का सीधा प्रसारण भारत में 11 मार्च की सुबह लगभग चार बजे सोनी लिव ने किया। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड ’20 डेज इन मारियूपोल’ को मिला है। इस श्रेणी में निशा पाहुजा की भारतीय डॉक्यूमेंट्री पीछे रह गई। डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म की श्रेणी में ‘द लास्ट रिपेयर शॉप’ को ऑस्कर मिला है। एक्ट्रेस इन लीडिंग रोल का अवॉर्ड एमा स्टोन को मिला है। उन्हें यह अवॉर्ड पुअर थिंग्स के लिए मिला है। ऑरिजनल सॉन्ग के लिए ‘बार्बी’ फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। ‘व्हाट वॉज आई मेड फॉर?’ गाने के लिए बिली एलीश और फिनीस को संयुक्त रूप से यह अवॉर्ड प्रदान किया गया। टार्न विलर्स और जॉनी बर्न को ‘साउंड’ कैटेगरी में ‘द जोन ऑफ इंट्रेस्ट’ के लिए ऑस्कर मिला है।

96 साल पुराना इतिहास

ऑस्कर का इतिहास 96 साल पुराना है। साल 1929 में पहला अकादमी अवॉर्ड आयोजित हुआ था। ऑस्कर में विनर सिलेक्शन प्रॉसेस बेहद दिलचस्प है। पहले ज्यूरी ही विनर का नाम तय करती थी और विनर का नाम ब्रीफकेस में बंद किया जाता था।

लुईस बी मेयर की सोच

साल 1927 में अमेरिका के एमजीएम स्टूडियो के मालिक लुईस बी मेयर ने सबसे पहले इसके बारे में सोचा था। उनके दिमाग में आया कि क्यों न एक ग्रुप बनाया जाए जिसमें पूरी फिल्म इंडस्ट्री को फायदा मिल सके। उन्होंने डायरेक्टर फ्रैड निबलो, फिल्म मेकर फीड बिटसोन और एक्टर कॉनरेड नागेल आदि से विचार-विमर्श किया। सब को यह विचार भाया। बाद में एक होटल में हॉलीवुड के 36 प्रमुख लोगों के साथ मंथन कर ‘अकादमी पुरस्कार’ प्रारूप तैयार किया गया। मार्च, 1927 में हॉलीवुड एक्टर और प्रोड्यूसर डगलस फेयरबैंक्स अकादमी पुरस्कार का अध्यक्ष बनाया गया।

ऐसे फाइनल हुई ट्रॉफी

इसके बाद यह सोचा गया कि सम्मान पाने वाले को दिया क्या जाएगा। इस पर लंबी बहस चली। तभी तय हुआ कि एक ट्रॉफी दी जाए। इस ट्रॉफी को अलग-अलग तरह से डिजाइन कराया गया। एक डिजाइन फाइनल की गई, जिसमें तय हुआ कि हाथ में तलवार लिए एक वॉरियर खड़ा होगा। इस मूर्ति को बनाने की जिम्मेदारी एमजीएम स्टूडियो के आर्ट डायरेक्टर केड्रिक गिबोन्स को मिली। ऑस्कर की ट्रॉफी 13 इंच लंबी और 8.85 किलोग्राम की बनाई गई थी। इसमें 92.5 प्रतिशत टिन, 7.5 प्रतिशत तांबा लगाया गया और आखिर में सोने की परत चढ़ाई गई। तब एक ऑस्कर ट्रॉफी को बनाने में 400 डॉलर यानी लगभग 33 हजार 77 रुपये का खर्चा आया।

यादगार तारीख… 16 मई, 1929

पहला अकादमी पुरस्कार 16 मई, 1929 आयोजित हुआ था। इसमें करीब 270 हॉलीवुड सेलिब्रिटीज शामिल हुए। इन सभी सेलेब्स को हॉलीवुड रूजवेल्ट होटल के ब्लॉसम रूम में आने के लिए आमत्रंण भेजा गया था। यहीं पर पहला ऑस्कर इवेंट हुआ। इसमें कोई दर्शक नहीं था। यह इनेंट महज 15 मिनट में खत्म हो गया था। यह इवेंट पेड था। इसका एक टिकट पांच डॉलर का बेचा गया था।

पहला विजेता

कहते हैं कि पहला ऑस्कर जर्मन एक्टर एमिल जेनिंग्स ने जीता था, हालांकि वह अवॉर्ड के पहले दावेदार नहीं माने जाते हैं। यह अवॉर्ड जर्मन शेफर्ड नस्ल के एक डॉग के लिए था, जिसका नाम टिन टिन बताया गया था। इस डॉग को फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के समय फ्रांस में रेस्क्यू किया गया था। बाद में उस डॉग ने हॉलीवुड की करीब 27 फिल्मों में काम किया। इनमें से दो फिल्मों में इस डॉग ने बेहतरीन काम भी किया था। इसलिए अवॉर्ड कमेटी ने उसे पहला ऑस्कर मिलने का हकदार माना था लेकिन अकादमी पुरस्कार के पहले अध्यक्ष फेयरबैंक्स ने सोचा कि अगर पहला अवॉर्ड किसी डॉग को दिया जाएगा तो समाज में एक गलत मैसेज जा सकता है। इसलिए कमेटी ने उस डॉग और जर्मन एक्टर एमिल जेनिंग्स को लेकर मतदान कराया। इसमें सबसे ज्यादा मत एमिल को मिले और वो पहले ऑस्कर विजेता बने।

बदलता रहा विनर्स अनाउंस करने का तरीका

साल 1930 में दूसरा ऑस्कर अवॉर्ड आयोजित किया गया। इसे पहली बार रेडियो पर प्रसारित किया गया। साल 1953 में पहली बार टीवी पर ऑस्कर अवॉर्ड्स दिखाए गए। अब करीब 200 देशों में इस अवॉर्ड सेरेमनी को लाइव दिखाया जाता है। साल 1939 में अकादमी अवॉर्ड का नाम ऑस्कर किया गया। दिलचस्प है कि ऐसा करने की वजह आज तक सामने नहीं आई। साल 1929 में विनर्स के नाम तीन महीने पहले उन्हें भेज दिए गए थे। दूसरे इवेंट में फैसला हुआ कि विनर्स के नाम अवॉर्ड सेरेमनी की रात को करीब 11 बजे मीडिया के लिए जारी किए जाएंगे और यह सिलसिला साल 1941 तक चला। 1942 से नॉमिनेशन की लिस्ट से लेकर विनर्स के नाम बंद लिफाफे से निकाले जाते हैं। तब से यही प्रचलन है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय