श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी उस प्रक्रिया का हिस्सा है जिससे देश की लाेकतांत्रिक व्यवस्था धीरे-धीरे खत्म हो रही है।
अब्दुल्ला ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी स्पष्ट रूप से आगामी लोकसभा चुनावों से जुड़ी हुई है।
नेकां उपाध्यक्ष ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, “चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा करने के कुछ दिनों के बाद ही मौजूदा मुख्यमंत्री और इंडिया समूह के एक महत्वपूर्ण घटक दल के मुखिया को प्रवर्तन निदेशालय ने मनमाने तरीके से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन ऐसी स्थिति का सामना करने वाले वह विपक्ष के पहले नेता नहीं हैं।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक केजरीवाल को गुरुवार रात इडी ने दिल्ली आबकारी नीति में धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण रूप से उस प्रक्रिया का हिस्सा है जिसमें देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं धीरे-धीरे इस हद तक खत्म हो चुकी हैं कि उनका अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है। अब समय ही बताएगा कि देश को इस बात का एहसाह होता है या नहीं कि हमारा लोकतंत्र जोखिम और खतरे का सामना कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि लेकिन यह सरकार भी सत्ता से बाहर जाएगी क्योंकि कोई भी पार्टी हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी। कभी न कभी यह सरकार सत्ता से बाहर होगी, लेकिन वह जो स्थायी विरासत छोड़कर जाएंगी उसमें लोकतांत्रिक संस्थाएं नष्ट हो चुकी होंगी, वह दिन इस देश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
इससे पहले सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर एक पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा, “केजरीवाल की गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा की घबराहट को स्पष्ट दर्शा रहा है।”
अब्दुल्ला ने कहा, “ऐसी तैसी डेमोक्रेसी। 400 से ज्यादा सीटों की बातें करने के बावजूद सत्तारूढ़ दल की बेचैनी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। आम चुनावों की घोषणा होने के कुछ दिनों के अंदर ही एक मौजूदा विपक्षी मुख्यमंत्री को एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार करना लोकतंत्र पर एक धब्बा है। हमारी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस केजरीवाल और आप के साथ खड़ी है।”
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सत्तारूढ़ पार्टी की कायराना हरकत करार दिया है।
सुश्री मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ईडी ने एक और मुख्यमंत्री को मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया है और इससे राजनीतिक प्रतिशोध और बढ़ते अधिनायकवाद की बू आती है। इस कायरतापूर्ण हरकत ने सत्तारूढ़ दल की आशंकाओं को उजागर किया है जो अब चुनाव से पहले वह हताशाजनक कदम उठाकर इस तरह के उपायों का सहारा ले रही है। इतिहास गवाह है कि एकीकृत प्रतिरोध के सामने अत्याचार कभी प्रबल नहीं होता है। हम किसी से डरेंगे नहीं।”