मेरठ कोतवाली गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में 16 साल बाद 24 जुलाई को फैसला आएगा। इस मुकदमे में बहस पूरी हो गई है। अदालत ने सारे दस्तावेज सुरक्षित कर लिए हैं। अब निर्णय सुनाया जाएगा।
23 मई 2008 को मेरठ कॉलेज के छात्र सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्जवल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के शव बागपत के बलैनी में नदी किनारे पड़े मिले। तीनों को गोलियां मारने के बाद गला काटकर मारा गया था। पुलिस की जांच में सामने आया कि 22 मई की रात तीनों का गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी के साथ झगड़ा हुआ था।
पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक झगड़े के बाद इजलाल ने अपने भाइयों के साथ मिलकर तीनों को पकड़ लिया। पहले पाइपों से बुरी तरह पिटाई की। इसके बाद तीनों को गोलियां मारी। फिर सबके गले काट दिए। शवों को पानी से धोकर कार की डिग्गी में रखकर गाड़ी सहित नदी किनारे ले जाकर शवों को फेंक दिया।
इस घटना का खुलासा होने के बाद मेरठ में हजारों युवाओं ने गैर-राजनीतिक संगठन बनाकर 25 मई को मेरठ बंद का एलान कर दिया था। पूरा मेरठ बंद हुआ था। तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर और सीओ की भूमिका पर सवाल उठने के बाद जांच सदर बाजार थाने के इंस्पेक्टर डीके बालियान को दी गई थी।