नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा मार्ग में दुकानदारों के नेमप्लेट लगाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाने पर योगी सरकार द्वारा कोर्ट में दाखिल हलफनामे को समाजवादी पार्टी के अंबेडकर नगर से सांसद लालजी वर्मा ने नफरत बांटने वाला बताया है। उन्होंने इस हलफनामे में दिए गए योगी सरकार के जवाब पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और सरकार को समतामूलक समाज की स्थापना में बाधक बताया। उन्होंने कहा, “योगी सरकार यूपी में नफरत फैलाना चाहती है, और समाज को बांटना चाहती है। हमरा संविधान समतामूलक समाज के स्थापना की बात करता है। माननीय योगी जी संविधान के विपरीत काम करना चाहते हैं। उनकी हमेशा ऐसी ही सोच रही है, जिसके तहत उन्होंने हलफनामा दिया है।”
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से हलफनामे में कहा है कि कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए नेमप्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था। राज्य सरकार ने कहा कि निर्देश जारी करने के पीछे का मकसद कांवड़ियों की यात्रा के दौरान उनके भोजन को लेकर सूचित विकल्प पेश करना था, ताकि उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। यूपी सरकार ने अपने जवाब मे कहा है कि राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों से होने वाले भ्रम के बारे में कांवड़ियों की ओर से मिली शिकायतों के बाद किए गए थे। शिकायतें मिलने पर ही पुलिस अधिकारियों ने कांवड़ियों की चिंताओं को दूर करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की।
यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से कर सकते हैं। मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी भ्रम से बचने के लिए किया गया है। लालजी वर्मा ने आम बजट को भी भेदभाव पूर्ण बताते हुए कहा, प्रदेशों के बीच भेदभाव किया गया है। यह जाति, धर्म और अमीर-गरीब के बीच भेदभाव करने वाला बजट है। यह बजट हमारे समतामूलक समाज के संविधान के खिलाफ है।