लखनऊ। यूपी में कोविड वैक्सीन का सुरक्षा कवच बरकरार रखने में अहम कदम उठाए गए हैं। इफेक्टिव वैक्सीन मैनेजमेंट सिस्टम को और बेहतर तरीके से लागू किया जा रहा है। इसके सभी मानकों की निगरानी की जा रही है। वैक्सीन की गुणवत्ता बरकरार रखने में अहम कामयाबी मिली है। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को दी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में हर साल 55 लाख से अधिक शिशुओं का जन्म हो रहा है। पांच साल तक छोटे बच्चों को गंभीर 12 तरह की बीमारियों से बचाने के लिए सरकारी अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन लगाई जाती हैं। इसमें बीसीजी, पोलियो, विटिमिन ए, पैंटावैलेंट, मिजल्स, रूबैला, रोटावायरस और निमोकॉकल समेत अन्य जानलेवा बीमारियों से बचाव की वैक्सीन शामिल हैं। वहीं, गर्भवती महिलाओं को टिटनेस और डिप्थीरिया से बचाव की वैक्सीन लगाई जा रही है। कोविड से बचाव के लिए भी वैक्सीन लगाई गई है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वैक्सीन की गुणवत्ता के लिए कोल्ड चेन मेनटेन रखना चुनौतीपूर्ण होता है। कंपनी से निकलने के बाद वैक्सीन एयरपोर्ट, फिर स्टेट और डिस्ट्रिक वैक्सीन स्टोर आती है। उसके बाद वैक्सीन की आपूर्ति अस्पतालों में होती है। इस दौरान कोल्ड चेन टूटने का खतरा रहता है। वैक्सीन के रखखाव में गड़बड़ी से गुणवत्ता प्रभावित होती है। दवा का प्रभाव कम होने की आशंका भी बनी रहती है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि इफेक्टिव वैक्सीन मैनेजमेंट सिस्टम को कड़ाई से लागू किया गया। वर्ष 2016 इफेक्टिव वैक्सीन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत वैक्सीन सप्लाई चेन का परीक्षण किया गया तो उपलब्धि 57 फीसदी थी। वर्ष 2022 में यह प्रक्रिया दोबारा की गई, तो उपलब्धि बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई है। जो ग्लोबल बेंच मार्क 80 फीसदी से भी अधिक है। उन्होंने बताया कि इसमें वैक्सीन का रख-रखाव, वैक्सीन को लाने ले जाने, स्टोर में बिजली, बैकअप आदि परखा जाता है।
ब्रजेश पाठक ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के दिशा में लगातार कदम उठाये जा रहे हैं। टीकाकरण सरकार की प्राथमिकता में है। इसलिए छोटे बच्चों के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। ताकि सभी बच्चों को वैक्सीन की सुरक्षा प्रदान की जा सके।