Thursday, September 19, 2024

कानपुर में करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में दो और मीडिया ​कर्मियों की तलाश में दबिश

कानपुर। करोड़ो की जमीन पर अवैध कब्जा मामले के आरोपितों की तलाश में गुरुवार को दो और मीडिया ​कर्मियों की तलाश में पुलिस बल के साथ उनके घरों पर दबिश दी गई।

पुलिस ने आज लोगों से अपील की है कि यदि किसी पत्रकार या किसी और ने धमकी देकर पैसे की डिमांड की हो या जबरन वसूली की है तो उसकी शिकायत पुलिस से कर सकता है।

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पुलिस उपायुक्त पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि 30 जुलाई को कोतवाली थाने में दर्ज मुकदमे के आरोपितों की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। शासन का कड़ा निर्देश है कि जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। कब्जा करने वाला कोई भी हो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाय।

कोतवाली थाने में दर्ज हुए मुकदमे में नामजद आरोपित वसीम खान निवासी डिप्टी पड़ाव थाना अनवरगंज एवं चकेरी थाना क्षेत्र के कोयला नगर मंगला बिहार निवासी अमन तिवारी की तलाश में पुलिस की टीमों ने दबिश दी लेकिन आरोपित अपने घरों से नदारद मिले है।

आपको बता दे कि नजूल की जमीन पर कब्जा करने के मामले में पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को जेल भेजने के बाद पुलिस की टीमें अन्य नामजद 12 आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं। डीसीपी पूर्वी के अनुसार ग्वालटोली में जितेश झा और हरबंश मोहाल में आरोपी को शेल्टर देने वाले दिनेश पांडेय के घर पुलिस ने दबिश दी लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था हरीश चन्दर ने बताया कि अवनीश दीक्षित को गलत तरीके से पॉवर ऑफ अटार्नी बनाया गया था। दरअसल अवनीश दीक्षित के नाम पॉवर ऑफ अटार्नी करने वाला हरेंद्र मसीह खुद इस जमीन का केयरटेकर था। एक केयर टेकर दूसरे किसी भी व्यक्ति को केयर टेकर नहीं बना सकता है।

जांच में सामने आया कि हरेंद्र मसीह की केयरटेकिंग 2010 में खत्म हो गई थी। जिसके बाद उसे हटा दिया गया था। इस नजूल की जमीन पर 2012 और 2014 में कब्जा करने की कोशिश की गई थी। एडिशनल सीपी के अनुसार अध्याय दो का कॉलम आठ कहता है, कि लीज की अवधि के बाद जमीन राज्य सरकार की संपत्ति हो जाएगी और राज्य सरकार की संपत्ति को न तो कोई खरीद सकता है और न ही बेच सकता है। राज्य सरकार में शामिल हुई इस जमीन को न तो कोई खरीद सकता है और न ही कोई बेच सकता है। डीसीपी पूर्वी ने बताया कि हरेंद्र मसीह पर 17 मुकदमे दर्ज है, उनकी भी तलाश की जा रही है।

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