हापुड़। 2024 के लोकसभा चुनाव में बिजनौर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी रहे और हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन चौधरी बिजेंद्र सिंह उर्फ बिजेंद्र सिंह हुड्डा को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने शनिवार को हापुड़ में फर्जी डिग्री रैकेट के मामले में गिरफ्तार किया है। उनके साथ बेटे संदीप कुमार समेत कुल 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। एसटीएफ की यह कार्रवाई मोनाड विश्वविद्यालय में हुई, जहां से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और नकदी बरामद की गई।
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छापेमारी में मिला फर्जीवाड़े का जखीरा
एसटीएफ की टीम को छापेमारी के दौरान 1372 फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां, 262 फर्जी प्रोविजनल व माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 14 मोबाइल फोन, एक आईपैड, 7 लैपटॉप, 26 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और ₹6,54,800 नकद बरामद हुए।
चेयरमैन के इशारे पर बनती थीं डिग्रियां
हरियाणा निवासी संदीप कुमार उर्फ संदीप सेहरावत ने पूछताछ में बताया कि बीएड, बीए, बीए एलएलबी, फार्मासिस्ट
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और बीटेक की फर्जी डिग्रियां चेयरमैन बिजेंद्र सिंह के निर्देश पर तैयार होती थीं। प्रति डिग्री ₹50,000 से ₹4 लाख तक की रकम वसूली जाती थी।
ऐसे सामने आया पूरा मामला
हरियाणा के एक विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर की डिग्री की जांच कराई गई, जो मोनाड यूनिवर्सिटी से थी, लेकिन जांच में वह फर्जी निकली। इस पर हरियाणा विश्वविद्यालय ने शिकायत दर्ज कराई और एसटीएफ ने जांच शुरू की।
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गिरफ्तार किए गए 10 आरोपी:
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चौधरी बिजेंद्र सिंह उर्फ बिजेंद्र सिंह हुड्डा, मेरठ – चेयरमैन
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नितिन कुमार सिंह, मेरठ – प्रोफेसर चांसलर
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मुकेश ठाकुर, नई दिल्ली – चेयरमैन का पीए
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गौरव शर्मा, मेरठ – हेड ऑफ वेरिफिकेशन
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इमरान, हापुड़ – एडमिशन डायरेक्टर
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अनिल वत्रा, नोएडा – एकाउंटेंट
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विपुल ताल्यान, हापुड़ – वेरिफिकेशन प्रमुख
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कुलदीप, गुलावठी, बुलंदशहर
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सनी कश्यप, अर्जुन नगर, हापुड़
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संदीप कुमार उर्फ संदीप सेहरावत, हरियाणा
डिग्रियों में फर्जी एनरोलमेंट और दस्तावेज
जांच में यह भी सामने आया कि दस्तावेजों पर दिए गए एनरोलमेंट नंबर विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में नहीं थे। डिजिटल हस्ताक्षर और यूनिवर्सिटी का नाम भी फर्जी था, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह एक सुनियोजित फर्जीवाड़ा था।
हजारों नौकरियों पर मंडराया संकट
मोनाड यूनिवर्सिटी की डिग्रियों पर विभिन्न राज्यों में नौकरी कर रहे सैकड़ों युवाओं की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। एसटीएफ अब उन सभी डिग्रियों की जांच की तैयारी में है, जिससे यह रैकेट और भी बड़ा साबित हो सकता है।
हरियाणा तक फैला नेटवर्क, बेटे की भूमिका भी संदिग्ध
सूत्रों के अनुसार, यह रैकेट हरियाणा, दिल्ली और अन्य राज्यों तक फैला हुआ है। बिजेंद्र सिंह का बेटा संदीप इस पूरे
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नेटवर्क का संचालक था और वह सोनीपत के फर्जी डिग्री गैंग से भी जुड़ा हुआ था।
एसटीएफ की कार्रवाई जारी
एसटीएफ इंस्पेक्टर ओम शंकर शुक्ला की तहरीर पर संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। सभी आरोपियों से पूछताछ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की फॉरेंसिक जांच जारी है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने बताया कि हापुड़ में स्थित मोनाड विश्वविद्यालय में लखनऊ मुख्यालय एसटीएफ की टीम द्वारा कार्रवाई की गई है. इसमें भारी संख्या में फर्जी अंक पत्र, डिग्री आदि बरामद हुए हैं. इसके क्रम में लगभग एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसमें विश्वविद्यालय का चेयरपर्सन मुख्य अभियुक्त विजेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल है, जो की बाइक बोट घोटाले का भी मास्टरमाइंड रहा है।